PM Matsya Sampada Yojana : किसान ( Farmer ) अपने खेतों में अपना खून पसीना बहाकर अपने परिवार और देश के करोड़ों परिवारों के लिए धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, सरसों और कई तरह की फसलों का उत्पादन करता है ( PM Matsya Sampada Yojana )। इन फसलों से पूरे देश की जनता का पेट भरता है। इन सबके बावजूद किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उन पर अलग से कर्ज का बोझ है।
PM Matsya Sampada Yojana
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि किसानों ( Farmer ) को उतनी आमदनी नहीं होती, जितनी खेती की लागत से होती है। अब उनके पास आय का कोई अन्य साधन नहीं है, इसलिए मजबूरी में उन्हें कर्ज लेना पड़ता है ( fisheries ) और दूसरे काम करने पड़ते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों को कृषि के अलावा अन्य कई रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं ( PM Matsya Sampada Yojana ) ।
किसानों ( Farmer ) की आय और रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं। किसान भी इन योजनाओं ( fisheries ) से जुड़कर इनका भरपूर लाभ उठा रहे हैं ( PM Matsya Sampada Yojana )। अगर आप भी किसान हैं तो इन योजनाओं से जुड़कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है ये प्लान-
इस योजना का लाभ तीन तरह से उठाया जा सकता है
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों ( Farmer ) को तालाब, हैचरी, फीडिंग मशीन, क्वालिटी टेस्टिंग लैब दिए जाएंगे। साथ ही मछलियों को रखने और उनके संरक्षण की भी जानकारी दी जाएगी ( fisheries ) ।
एकीकृत मात्स्यिकी
इस खंड में किसानों ( Farmer ) को रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर, बायोफ्लोक, एक्वापोनिक्स, फिश फीड मशीन, वातानुकूलित वाहन और फिश कीपिंग दी जाएगी।
विशेष लाभ
इस खंड में पिंजरों में मछली पालन ( fisheries ) , रंगीन मछली पालन, प्रचार और ब्रांडिंग, मछली पालन किया जाएगा। सरकार ने देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए यह योजना ( PM Matsya Sampada Yojana ) शुरू की है। इसे नीली क्रांति भी कहा जा रहा है। इस योजना में मछली किसान, मछली विक्रेता, स्वयं सहायता समूह, मछली ( fisheries ) व्यापारी और किसान आवेदन कर सकते हैं।
मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात को बढ़ाना है।
भारत सरकार वर्तमान में विदेशों में मछलियों के निर्यात से सालाना 46,589 करोड़ रुपये कमा रही है। लेकिन जिस तरह से देश के किसानों ( Farmer ) को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, 2024-25 तक केंद्र ने मछली निर्यात ( fisheries ) पर 1,00,000 करोड़ रुपये का लाभ कमाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही इस योजना ( PM Matsya Sampada Yojana ) के माध्यम से गांवों में रोजगार बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है.
जानिए कहां अप्लाई करना है?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ( PM Matsya Sampada Yojana ) के लिए आवेदन करने का तरीका बहुत ही आसान है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के माध्यम से निर्देशित की जा रही है। कोई भी इच्छुक किसान ( Farmer ) अपने राज्य के मत्स्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर इस योजना का लाभ ले सकता है। साथ ही अगर आप इस योजना ( fisheries ) के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप केंद्र सरकार के मत्स्य विभाग की वेबसाइट pmmsy.dof.gov.in पर भी जा सकते हैं।
इस योजना ( PM Matsya Sampada Yojana ) के तहत सरकार व्यवसाय शुरू करने के लिए अनुदान देती है। यह अनुदान ( fisheries ) व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक धन का 40 प्रतिशत है, अर्थात यदि आप इस योजना के तहत एक इकाई स्थापित करते हैं, तो आपको सरकार की ओर से लागत का 40 प्रतिशत मिलेगा। हालांकि, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला लाभार्थियों ( Farmer ) जैसी आरक्षित श्रेणियों को लागत का 60 प्रतिशत अनुदान के रूप में मिलता है।
2024-25 तक 20 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य
वर्ष 2019 में भारत लगभग 137.58 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन ( fisheries ) कर रहा था। केंद्र सरकार इसे 2024-25 तक कुल 220 लाख मीट्रिक टन तक ले जाना चाहती है। इसके ( PM Matsya Sampada Yojana ) साथ ही मछली उत्पादन को 3 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य पर भी काम किया जा रहा है. इसके तहत नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों, मछली विक्रेताओं ओर किसानों ( Farmer ) के लाभ के लिए 20,050 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
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