पीड़ित परिवार से मिले सीएम उमर अब्दुल्ला.
जम्मू-कश्मीर में एक रहस्यमयी बीमारी पिछले सात दिसंबर से एक गांव में लोगों की जान ले रही है. इस बीमारी की चपेट में आकर अब तक 17 लोग दम तोड़ चुके हैं. राजौरी के बड़हाल गांव में इस बीमारी से ऐसी दहशत है कि सीएम अब्दुल्ला को वहां का दौरा करना पड़ा है. केंद्र से टीमें भेजी गई हैं. कोरोना काल की तरह पूरा का पूरा गांव कंटेनमेंट जोन बन चुका है. सवाल है कि क्या ये कोरोना की तरह कोई वायरस है, जो बड़हाल गांव में फैल गया है? या फिर ये मसला जहरीले खान-पान से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण लोगों की मौतें हो रही हैं?
बड़हाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से अब तक तीन परिवारों के 17 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 12 बच्चे हैं. 5 लोग अभी भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं. इन्हीं में से तीन सगी बहनों को एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करके जम्मू के अस्पताल पहुंचाया गया. आधिकारिक तौर पर अभी ना तो इस बीमारी का नाम पता है और ना ही वजह लेकिन हर बीतते दिन के साथ हालात बिगड़ते जा रहे हैं. लिहाजा, पूरे गांव को क्वारंटाइन किया गया है.
गांव को तीन कंटेनमेंट जोन में बांटा गया
इस बीमारी में तेज बुखार, डायरिया और फिर बेहोशी के बाद मरीज की मौत के मामले सामने आए हैं. इससे गांव वाले बहुत डरे हुए हैं. प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके. इसलिए गांव को तीन कंटेनमेंट जोन में बांटा गया है. पहले कंटेनमेंट जोन में उन घरों को कवर किया गया है जिनमें मौतें हो रही हैं. इन घरों को सील किया है और लोगों के बाहर आने जाने पर प्रतिबंध है.
दूसरे कंटेनमेंट जोन में उन लोगों को रखा गया है, जो रहस्यमयी बीमारी से प्रभावित लोगों के संपर्क में आए हैं. ऐसे लोगों की संख्या करीब 60 है और इनको को सरकारी मेडिकल कॉलेज में रखा गया है. तीसरे जोन में गांव के सभी परिवार शामिल हैं, सभी परिवारों को खाना-पीना देने की जिम्मेदारी मेडिकल स्टाफ पर है.
क्या ये बीमारी किसी वायरस की तरह फैलने वाली है?
अब सवाल है, क्या ये बीमारी किसी वायरस की तरह फैलने वाली है? तो स्वास्थ्य अधिकारी का जवाब फिलहाल ‘नहीं’ है. केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई टीम भी वजह जानने में जुटी है. किसी कीटनाशक का इस्तेमाल इस बीमारी का कारण हो सकता है . 200 से ज्यादा खाद्य पदार्थों को जांच के लिए भेजा गया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीमारी के सारे लक्षण सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़े थे. न्यूरोटॉक्सिन्स आम तौर पर ब्रेन और नर्वस सिस्टम को ही नुकसान पहुंचाते हैं.
गौर करने वाली बात है कि जब गांव के तालाब के पानी की जांच की गई थी तो उसमें कीटनाशक होने की बात सामने आई थी. इसके बाद तालाब को सील किया गया था. हालांकि अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि इस बीमारी के पीछे तालाब का जहरीला पानी है या कारण कुछ और है. राजौरी की इस रहस्यमयी बीमारी पर आज केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी बयान दिया है. उन्होंने इस बीमारी को किसी तरह का वायरस मानने से इनकार किया है और कहा है कि इन मौतों के लिए कोई ‘अज्ञात विष’ कारण हो सकता है.
ब्यूरो रिपोर्ट टीवी-9 भारतवर्ष
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