मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दल यानी INDIA लगातार बीजेपी और पीएम मोदी को घेरने का काम किया है. पीएम मोदी की चुप्पी को लेकर कई तरीके के सवाल भी उठाए गए. पीएम मोदी की चुप्पी तोड़ने के लिए विपक्ष अब घेराबंदी करने की तैयारी में जुट गया है. विपक्ष के नेता चाहते हैं कि, पीएम मोदी इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करें. ऐसे में विपक्षी एकता केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं, जिसको लेकर विपक्षी दल की कल बैठक भी बुलाई गई है. जिसकी जानकारी कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन ने दी है.
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. इस व्हिप में कहा गया, ‘कांग्रेस पार्लियामेंट्री कमेटी के सभी कांग्रेस लोकसभा सांसदों से अनुरोध है कि वे बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे तक संसद भवन स्थित सीपीपी कार्यालय में उपस्थित हों.
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ये कहता है नियम
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नियम 198 के तहत लोकसभा में पेश किया जा सकता है. इस अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने के लिए ही करीब 50 विपक्षी सांसदों का समर्थन होना जरूरी है. लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक अहम कदम माना जाता है. अगर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए और सदन के 51% सांसद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते हैं, तो यह पारित हो जाता है और माना जाता है कि सरकार ने बहुमत खो दिया है और उसे पद से इस्तीफा देना होगा. सरकार को या तो विश्वास मत लाकर सदन में अपना बहुमत साबित करना होता है या विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद सरकार से बहुमत साबित करने के लिए कह सकता है.
हालांकि यह जरूरी नहीं है कि विपक्षी दल सिर्फ सरकार गिराने के उद्देश्य से ही अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं, कई बार विपक्ष सरकार को राष्ट्रीय महत्व के किसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मजबूर करने के लिए भी अविश्वास प्रस्ताव लाता है.
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