रायपुर. सरजू बांधा तालाब वाले 12 साल पुरानी सिविल अपील प्रकरण में कोर्ट ने निर्णय पारित किया है. जज ने अपील निरस्त कर शासन के पक्ष में फैसला सुनाया है. जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उत्तरवादियों ने ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है, जिससे अपीलार्थियों के खानदानी कब्जे को किस आधार पर उन्हें अतिक्रामक के रुप में परिवर्तित किया गया है.
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि वादग्रस्त संपत्ति राज्य सरकार में निहित नहीं है. अपीलार्थियों की ओर से प्रस्तुत न्यायदृष्टांतों को स्वीकार करते हुए यह निष्कर्ष निकाला गया कि तालाब एवं तालाब के पार तटबंध में समाहित है और अपीलार्थियों के पूर्वजों का उस पर कब्जा है. इसके बावजूद उन्हें अतिक्रामक के रुप में निरुपित कर त्रुटि कारित की गई है. इसके चलते न्यायालय ने अपील निरस्त कर दिया है.