आरिफ कुरैशी, श्योपुर। देश में चीतों के इकलौते घर यानी कूनो नेशनल पार्क में पिछले कई दिनों से लगातार एक टाइगर देखा जा रहा है। यह मेल टाइगर राजस्थान के सवाई माधोपुर की सेंचुरी की मादा टाइगर टी 102 का शावक है। जो रणथंबोर सेंचुरी से 6 महीने पहले लापता हुआ था। वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा बताया गया है कि रणथंभौर से निकलने के बाद यह टायगर पहले गंगापुर के जंगल में पहुंचा। वहां से करौली फिर धौलपुर के जंगल में रहने के बाद चंबल नदी से राजस्थान का बॉर्डर पार कर एमपी के मुरैना जिले की सीमा में दाखिल हुआ। और अब यह कूनो नेशनल पार्क में पहुंच गया है।
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करीब 500 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद कूनो नेशनल पार्क में पहुंचे इस टाइगर को दूसरे टाइगरों की तरह कूनों की जलवायु खूब रास आ रही है। वह लगातार कूनों में वन्यजीवों का शिकार करके अपने पसंदीदा जानवर का मीट खाकर अपना पेट भी भर रहा है। अब वन्य जीव विशेषज्ञ राय दे रहे हैं कि रणथंबोर सेंचुरी में मेल टाइगर की संख्या काफी है। इसलिए टाइगर को कूनो से वापस लाने की जरूरत नहीं है।
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ऐसे में अगर मध्य प्रदेश सरकार एक मादा टाइगर को कूनो छोड़ दे तो यहां पर टाइगर की वंश वृद्धि हो सकती है। इस बारे में
राजस्थान के सवाई माधोपुर के रणथम्बोर सेंचुरी से 6 महीने पहले लापता हुआ टाइगर 500 किलोमीटर का सफर करके कूनों पहुंचा है। अब यहां की जलवायु टाइगर को खूब राश आ रही है राजस्थान के वन्यजीव विशेषज्ञ धर्मेंद्र खांडल ने कहा कि कूनो में चीते अभी फिलहाल केज में हैं तो उनके लिए कोई समस्या नहीं है। लेकिन हो सकता है कि आने वाले समय में चीतों के लिए यह संकट बन जाए।
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