दमोह। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने दमोह पुलिस का बहिष्कार कर दिया है. दमोह पुलिस की कोई भी सेवा आज से नहीं लेने की बात कही है. उनकी सुरक्षा में केवल निजी सुरक्षा गार्ड के अलावा कोई भी पुलिसकर्मी नहीं रहेगा. केंद्रीय मंत्री यह बयान सार्वजनिक तौर पर मीडिया के सामने दिया है. जब एक मंत्री का विश्वास पुलिस से उठ गया, तो समझ सकते हैं कि आम जनता कैसे भरोसा कर सकती है.
दरअसल दमोह जिले में भाजपा पार्षद यशपाल ठाकुर के खिलाफ पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज किया है. जिसके चलते केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल नाराज हैं. एक सेल्समैन की आत्महत्या के मामले में भाजपा पार्षद सहित चार लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. सुसाइड नोट की जांच किए बगैर मुकदमा दर्ज किया गया है. जबकि केंद्रीय मंत्री ने जांच पड़ताल कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
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जब बड़ी संख्या में वार्ड की जनता केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से मिलने पहुंची. पूरे मामले की जानकारी दी. तब जनता को आश्वासन देते हुए केंद्रीय मंत्री ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. प्रहलाद पटेल ने कहा कि यह पुलिस की जल्दबाजी का नतीजा है. मैं पुलिस अधीक्षक और इस कार्रवाई के खिलाफ हूं. मेरे कार्यकर्ता पर झूठा मुकदमा दर्ज हुआ है. लेकिन पुलिस ने बहुत जल्दबाजी की.
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अब जब तक इन सभी को न्याय मिलेगा, तब तक दमोह पुलिस का मैं बहिष्कार करता हूं. पुलिस की कोई सेवा नहीं लूंगा. दमोह पुलिस का कोई भी कर्मचारी मेरे साथ या मेरे बंगले पर नहीं रहेगा. इस घटना के बाद से पुलिस पर भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या पुलिस ने जानबूझकर कार्रवाई करने में जल्दबाजी की है.
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