• Thu. Jul 3rd, 2025

कागज में ‘विकास की चिड़िया’: सिस्टम की नाकामी और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, स्कूल के रास्ते नाला बना पढ़ाई का रोड़ा, 7 साल से ग्रामीण स्कूल की कर रहे मांग, नींद में प्रशासन…

ByCreator

Sep 19, 2022    150853 views     Online Now 333

रमेश सिन्हा, पिथौरा. एक ओर जहां शासन द्वारा शिक्षा को लेकर काफी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं तो वहीं दूसरी ओर महासमुंद जिले में स्कूलों की समस्या बढ़ती जा रहीं है. जिसको लेकर महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड के ग्राम छिन्दौली के आश्रित मोहल्ला टिकरापारा के सैंकड़ों ग्रामीण छोटे-छोटे स्कूली बच्चे सहित एसडीएम और BEO कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. साथ ही BEO कार्यालय का घेराव किया.

ग्रामीणों का कहना है कि, जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन करते बैठे रहेंगे. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीण विगत 7 वर्षों से स्कूल को खोलने की मांग कर रहे हैं, जिससे निराश और आक्रोशित होकर ग्रामीण छोटे-छोटे स्कूली बच्चे सहित BEO कार्यालय का घेराव किया. जानकारी के अनुसार, टिकरापारा के स्कूल को मर्ज कर 7 किलोमीटर दूर बुंदेली में मर्ज किया गया है, जिससे छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को आने जाने में बहुत परेशानी होती है. वहीं बरसात के दिनों में स्कूल के रास्ते नाला पड़ने से पढ़ाई से पूरी तरह वंचित हो जाते हैं. ग्रामीणों की मांग है कि टिकरापारा में बंद किए गए स्कूल को फिर से खोला जाए. ग्रामीण 2015 से मांग कर रहे हैं, किंतु अब तक न्याय नहीं मिला है.

See also  विटामिन बी12 क्यों जरूरी है और इसकी कमी को पूरा कैसे किया जा सकता है, जानें एक्सपर्ट से | Vitamin B12 Deficiency Causes, Symptoms , Treatment and Prevention tips
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You missed

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL