• Sun. Oct 27th, 2024

शरद पूर्णिमा पर विशेष : केवल एक दिन करें व्रत, मां लक्ष्मी की सालभर बरसेगी कृपा … – Lalluram Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar

ByCreator

Oct 9, 2022    150821 views     Online Now 144

इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं. धर्म ग्रंथों के मुताबिक कोजागरी पूर्णिमा और शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के बाद प्रकट हुई थीं. यही वजह है कि इस दिन मां लक्ष्मी की उपासना का खास महत्व है. धर्म ग्रंथों में ऐसा वर्णन मिलता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी विशेष प्राप्त होती है.

कोजागरी व्रत की पूजा कैसे करें

हिंदू धर्म में कोजागरी पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन यानि शरदा पूर्णिमा तिथि को माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. प्रात: स्नान कर उपवास का संकल्प करें. सूर्य को नग्न आँखों से देखते हुए उन्हें अर्घ दें. इसके बाद पूजा स्थल की शुद्धि करें. अब पीतल, चाँदी, तांबे या सोने से बनी लक्ष्मी देवी की प्रतिमा को कपड़े से ढंककर विभिन्न विधियों द्वारा उनका पूजन करें. रात्रि को चंद्र उदय होते ही घी के 11 दीपक जलाएँ व उन्हें घर के अलग-अलग हिस्सों पर रखें.

इसे भी पढ़ें – रुपए के मूल्य में ऐतिहासिक गिरावट, डॉलर के मुकाबले 82 रुपए से पार हुई कीमत…

इसके बाद लक्ष्मी जी को भोग लगाने के लिए दूध से बनी हुई खीर बनाए. इस खीर को बर्तन में रखकर किसी ऐसी जगह रखें जहां चंद्र देव की रौशनी उस बर्तन पर पड़ रही हो. कुछ समय बाद चांद की रोशनी में रखी हुई खीर का देवी लक्ष्मी को भोग लगाएं. व्रत के अगले दिन भी विशेष रूप से मां लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए. अगले दिन ही व्रत की पारणा भी की जाती है. कोजागरी पूर्णिमा व्रत के दिन कई लोग रात भर जागरण व लक्ष्मी जी का पूजन करते हैं.

See also  एमपी पुलिस की छत्तीसगढ़ में वाहवाहीः लोग बोले- पुलिस हो तो ऐसी, पढ़िए खबर की इनसाइड स्टोरी

कोजागर पूजा 2022 मुहूर्त

अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी कि शरद पूर्णिमा तिथि 9 अक्टूबर 2022 को सुबह 07 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी.
शरद पूर्णिमा तिथि अगले दिन 10 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी.
कोजागर पूजा मुहूर्त 9 अक्टूबर 2022, रात 11.50 10 अक्टूबर 2022, प्रात: 12.&0 अवधि 49 मिनट.

इसे भी पढ़ें – बॉयफ्रेंड पर 80 हजार खर्च करती है ये महिला, ‘शुगर बेबी’ के कारण बनी चर्चा का विषय, जानिए क्या है वजह …

कोजागर व्रत कथा

कोजागर व्रत करने के साथ-साथ इस दिन व्रत की कथा भी सुननी चाहिए. व्रत की कथा पढऩे और सुनने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. प्राचीन समय की बात है मगध नामक एक राज्य हुआ करता था. उस राज्य में एक बहुत ही परोपकारी और श्रेष्ठ गुणों से युक्त ब्राह्मण रहा करता था. वह संपूर्ण गुणों से युक्त था किंतु गरीब था. वह ब्राह्मण जितना धार्मिक और परोपकारी था उसकी स्त्री उतनी उसके विपरित आचारण वाली थी. स्त्री उसकी कोई बात नहीं मानती थी और दुष्ट कार्यों को किया करती थी. ब्राह्मण की पत्नी गरीबी के चलते ब्राह्मण को बहुत अपशब्द कहा करती थी. वह अपने पति को दूसरों के सामने सदैव ही बुरा भला कहा करती थी उसे चोरी करने या गलत काम करने के लिए कहती थी. अपनी पत्नी के तानों से तंग आकर ब्राह्मण दुखी मन से जंगल की ओर चला जाता है.

उस स्थान पर उसकी भेंट नाग कन्याओं से होती है. नागकन्याओं ने ब्राह्मण का दुख पूछा और उसे आश्विन मास की पूर्णिमा को व्रत करने और रत में जागरण करने को कहा. लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला कोजागर व्रत बताने के बाद वह कन्याएं वहां से चली जाती हैं. ब्राह्मण घर लौट जाता है और आश्विन मास की कोजागर पूर्णिमा के दिन विधि-विधान के साथ देवी लक्ष्मी का पूजन करता है और रात्री जागरण भी करता है. व्रत के प्रभाव से ब्राह्मण के पास धन-सम्पत्ति आ जाती है और उसकी पत्नी की बुद्धि भी निर्मल हो जाती है. देवी लक्ष्मी के प्रभाव से वह दोनों सुख पूर्वक अपना जीवनयापन करने लगते हैं.

See also  इथियोपिया में भारी बारिश से भूस्खलन, 13 लोगों की मौत, 300 से ज्यादा लोग रेस्क्यू | Heavy rains trigger landslide in Ethiopia 13 dead more than 300 rescued

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL