प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत नामीबिया से लाए जा रहे 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे. इसे लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस का दावा है कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ का प्रस्ताव पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के समय तैयार हो गया था. 14 साल पहले 2008-09 में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक की वजह से ये अब जाकर पूरा हो रहा है.
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तत्कालीन वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की एक फोटो भी शेयर की है. ये फोटो जयराम रमेश के अप्रैल 2010 में अफ्रीका के चीता आउटरीच सेंटर पर जाने की है.
इसी के साथ कांग्रेस ने लिखा है कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ. मनमोहन सिंह सरकार ने इसे मंजूरी दी थी. 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई, जो 2020 में हटी और अब चीते आएंगे. कांग्रेस पार्टी के इस ट्वीट की वजह ‘प्रोजेक्ट चीता’ का क्रेडिट लेना बताई जा रही है. कांग्रेस का कहना है कि 14 साल पहले पार्टी के प्रयासों का नतीजा है कि अब देश में अफ्रीका से चीते आ रहे हैं.
नामीबिया से आ रहे 8 चीते नामीबिया के सावन के घास के मैदानों से आ रहे हैं. इन्हें ग्वालियर के पास कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा. प्रोजेक्ट चीता दुनिया के सबसे बड़े वाइल्ड लाइफ ट्रांसलोकेशन प्रोजेक्ट में से एक है. इन चीतों को भारत लाने के लिए एक स्पेशल बोइंग बी747 जंबो जेट विमान नामीबिया से मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचेगा. जहां से वायुसेना के हेलीकॉप्टर इनहें लेकर कूनो नेशनल पार्क पहुंचेंगे. यही अब इन आठ चीतों का नया घर होगा जिसमें 5 मादा और 3 नर हैं.