स्वदेशी पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर कई हिस्सों से मिलकर बना है.
पिनाका रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की सफल टेस्टिंग के बाद अब इसे खरीदने की तैयारी है. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने इसे खरीदने के लिए मंजूरी दे दी है. सेना में इसे शामिल करके ऊंचाई वाले युद्धक्षेत्रों में मिलिट्री की मारक क्षमता को बढ़ाने की तैयारी है. चर्चा है कि जिन रॉकेट को खरीदने की मंजूरी दी गई है, उनकी मारक क्षमता 45 किलोमीटर है. यही वजह है कि यह पाकिस्तान और चीन से जुड़ी भारत की सीमा में असरदार साबित होगा.
पिछले साल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पिनाका रॉकेट सिस्टम की टेस्टिंग की थी, जो सफल रही थी. ये परीक्षण अलग-अलग फील्ड फायरिंग रेंज में किए गए थे ताकि इसकी रेंज और सटीक निशाना लगाने की क्षमता को समझा जा सके.
क्या है पिनाका रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, कैसे काम करता है?
पिनाका भारत में तैयार स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है, जिसे कम समय में अधिक दूरी वाली मारक क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस सिस्टम को सेना की आर्टिलरी यूनिट का हिस्सा बनाया गया है. आने वाले सालों में इसकी तैनाती को विस्तार देने की योजना है.
आसान भाषा में समझें तो यह रॉकेट को दागने वाला पावरफुल सिस्टम है. यह 44 सेकंड में 12 रॉकेट लॉन्च कर सकता है. हर 4 सेकंड में एक रॉकेट दागता है. अपनी क्षमता के कारण ही यह दुश्मन के ठिकाने को पलभर में तबाह करने की क्षमता रखता है. इसके तीन प्रकार हैं, जो अपनी अलग-अलग क्षमता के लिए जाने जाते हैं.
पहला वैरिएंट है MK-1. इसकी क्षमता 45 KM है. दूसरा लॉन्चर MK-2 90 KM और MK-3 (निर्माणाधीन) से 120 किलोमीटर के दायरे तक हमला कर सकता है. लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से 23 फीट 7 इंच तक बताई गई है.
इस सिस्टम में क्या-क्या है?
स्वदेशी पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर कई हिस्सों से मिलकर बना है. इसमें मल्टी ट्यूब लॉन्चर व्हीकल, लोडर व्हीकल और कमांड पोस्ट व्हीकल है. रॉकेट लॉन्चर वाले हिस्से में दो पॉड हैं. हर पॉड में 6-6 रॉकेट लगते हैं. 214mm पिनाका रॉकेट का पेलोड 100 किलो का है. इसमें हाई एक्सप्लोसिव हमला करने का भी विकल्प है. इसे कहीं भी ले जाया जा सके, इसके लिए इसे ट्रक पर फिट किया गया है.
भगवान शिव के धनुष पर रखा नाम
इस रॉकेट लॉन्चर का नाम भगवान शिव के धनुष पिनाका के नाम पर रखा गया है. उस धनुष का निर्माण देवशिल्पी कहे जाने वाले विश्वकर्मा ने किया था. कहा जाता है कि उस धनुष की टंकार से बदल तक फट जाते हैं. पर्वतों में कंपन होने लगता है. भगवान शिव उस पिनाक धनुष से हीत्रिपुरासुर का वध किया था.
अब सेना इस पिनाका रॉकेट सिस्टम से और ताकतवर बनेगी.इसकी एक खास बात यह भी है कि इसे किसी भी मौसम में ऑपरेट किया जा सकता है. मौसम के कारण इसकी क्षमता पर असर नहीं होता.यह हथियार प्रणाली उन भारतीय सैन्य उपकरणों में से एक है जिन्हें आर्मेनिया सहित विदेशी देशों में निर्यात किया गया है.
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