उज्जैन। भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर में मनाया गया। अलसुबह तीन बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भगवान महाकाल को जल अभिषेक के बाद पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद भस्म आरती में भगवान महाकाल को सबसे पहले विशाल राखी बांधी गई। भगवान को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। दिनभर महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।
श्रावणी पूर्णिमा पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाने की परंपरा है। इस बार भी पुजारी परिवार द्वारा भक्तों के सहयोग से भगवान को महाभोग लगाया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को राखी बांधी। मंदिर में आकर्षक पुष्प सज्जा की गई है। मान्यता है श्रावण में मासपर्यंत उपवास रखने वाले भक्त श्रावण मास की समाप्ति पर रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल को अर्पित लड्डू भोग प्रसादी ग्रहण कर पारणा करते हैं।
मान्यता है कि हिन्दू रीति से मनाए जाने वाले सभी पर्व महाकाल मंदिर में सबसे पहले मनाए जाते हैं। महाकाल के दरबार में सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत हुई। भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को पूजा अर्चना कर राखी बांधी गई।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus