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US-यूक्रेन खनिज सौदा रद्द, जेलेंस्की ने ‘सुरक्षा गारंटी’ के बिना समझौते से किया इनकार

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Feb 28, 2025    150831 views     Online Now 103
US-यूक्रेन खनिज सौदा रद्द, जेलेंस्की ने 'सुरक्षा गारंटी' के बिना समझौते से किया इनकार

जेलेंस्की और ट्रंप में बहस.

रूस और यूक्रेन में सुलह से पहले अमेरिका ने जेलेंस्की से खनिज समझौते पर हस्ताक्षर के लिए कहा था. लेकिन ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक में तीखी बहस के बाद हालात बिगड़ गए. यहां तक कि ट्रंप ने जेलेंस्की को खुली धमकी देते हुए यहां तक कह दिया कि आज से आपके बुरे दिन शुरू हो रहे हैं. इन सबके बीच खनिज डील भी कैंसल हो गई है. इसके बाद ट्रंप ने कहा कि जब आप शांति के लिए तैयार हों तभी वापस आएं.

दरअसल यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना ही व्हाइट हाउस से रवाना हो गए. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते की मांग की थी और कहा था कि यह यूक्रेन को भविष्य में समर्थन देने की शर्त है.

जेलेंस्की से ट्रंप की तीखी बहस

जेलेंस्की शुक्रवार दोपहर व्हाइट हाउस से उस वक्त चले गए जब ट्रंप ने समझौते पर बातचीत को बीच में ही रोक दिया और ओवल ऑफिस में जेलेंस्की से उनकी तीखी बहस हो गई. ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जेलेंस्की द्वारा सुरक्षा की गारंटी मांगे जाने पर जेलेंस्की के बर्ताव को अपमानजनक करार दिया.

इस खनिज पर क्यों है ट्रंप की नजर?

दुर्लभ खनिज (क्रिटिकल मिनरल्स) आधुनिक तकनीक और रक्षा उपकरणों के लिए बेहद जरूरी हैं. इनका इस्तेमाल स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहनों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित उपकरणों, हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स और अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण में किया जाता है. ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के कारण इन खनिजों की मांग तेजी से बढ़ी है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) के मुताबिक, 2022 में इनका ग्लोबल मार्केट 320 अरब पाउंड तक पहुंच गया था. अगर क्लाइमेट चेंज से जुड़ी नीतियों को पूरी तरह लागू किया जाए तो 2030 तक इनकी मांग दोगुनी और 2040 तक तीन गुना हो सकती है.

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कई खनिज-समृद्ध क्षेत्रों पर रूस का कब्जा

ट्रंप की नजर इस पर इसलिए है क्योंकि अमेरिका के लिए ये खनिज आर्थिक रूप से भी बेहद खास हैं. बता दें कि दुनिया में इन खनिजों के सबसे बड़े उत्पादकों में चीन का नाम आता है और ट्रंप अमेरिका की इस निर्भरता को कम करना चाहते हैं. इसी वजह से ट्रंप यूक्रेन जैसे खनिज-समृद्ध देशों से समझौते पर जोर दे रहे थे. रूस ने पहले ही यूक्रेन के कई खनिज-समृद्ध क्षेत्रों पर कब्जा जमा लिया है.

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