अभिषेक सेमर, तखतपुर। तखतपुर क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे स्थानीय जनप्रतिनिधियों का संरक्षण और जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत एवं उदासीनता है। इनमें से अधिकांश भट्ठा संचालक एक गिरोह की तरह मध्यप्रदेश से आकर पिछले कई सालों से उत्खनन और ईंट भट्ठों का संचालन सक्रिय रूप से कर रहे हैं, जिससे शासन और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी इस बढ़ते हुए अवैध कारोबार को देखकर भी अनदेखा कर उदासीनता बरत रहे हैं।


क्षेत्र में सैकड़ों ईंट भट्ठे अवैध रूप से संचालित किए जा रहे हैं, जिनसे शासन को राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है। साथ ही इससे जुड़ी कई अन्य गतिविधियां जैसे कि अवैध कोयला परिवहन, अवैध रूप से लकड़ियों की कटाई, अवैध बिजली कनेक्शन, अवैध बोर खुदाई, अवैध रूप से मिट्टी की खुदाई भी धड़ल्ले से चल रही है। इसमें बिजली विभाग, राजस्व और खनिज विभाग के अफसरों और उनके संरक्षण से इनकार नहीं किया जा सकता है। यदि इनमें से कोई एक विभाग भी कड़ाई से कार्रवाई शुरू कर दे, तो अवैध ईंट भट्ठों का संचालन मुश्किल हो जाएगा।

सरकारी अफसरों, राजस्व और खनिज विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारियों से सांठगांठ करके अवैध ईंट भट्ठों का यह खेल चल रहा है। ऐसा नहीं है कि क्षेत्र के अफसरों को अवैध रूप से चल रहे इन ईंट भट्ठों की जानकारी नहीं है। जानकारी के बावजूद कार्रवाई न होना, अवैध ईंट भट्ठा संचालकों और संबंधित विभागों की मिलीभगत को स्पष्ट रूप से इंगित करता है। तखतपुर क्षेत्र के किसी भी दिशा में निकल जाएं आपको अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठे बिना किसी परेशानी के दिख जाएंगे। सड़कों से लगे, नदी के किनारे, मैदानी क्षेत्रों में हर तरफ ईंट भट्ठे पर्यावरण को कालिख परोसते दिखाई देते हैं।
जब कोई यह बताता है कि क्षेत्र में अवैध रूप से ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं और नदी किनारे की मिट्टी की अव्यवस्थित खुदाई कर नदी का सीना चीरकर गांवों में बाढ़ को न्योता दे रहे हैं, तो अधिकारी उल्टे उन्हीं से सूची मांगते हैं या फिर लिखित शिकायत करने की बात कहकर कार्रवाई से बचते दिखाई देते हैं।
तखतपुर मुख्यालय से जूनापारा की ओर सड़क से लगे ग्राम पंचायत सांवाडबरा, सिलतरा, विजयपुर, सफरीभाटा, खटोलिया सहित पूरे क्षेत्र में पिछले एक दशक से अवैध ईंट भट्ठों का संचालन जोरों पर है। इनमें विजयपुर, सफरीभाटा और खटोलिया में मध्यप्रदेश से आकर लोग ईंट भट्ठा संचालन करने लगे और देखते ही देखते गांव के जनप्रतिनिधियों से संपर्क बनाकर सांठगांठ कर शासकीय जमीन की अवैध खरीदी कर गांव की निस्तारी भूमि पर कब्जा जमा लिया है, जहां हर रोज शासकीय जमीन का सीना चीरकर अवैध ईंट भट्ठे संचालित किए जा रहे हैं। यहां से हर दिन हजारों ईंटें तैयार कर लाखों रुपये की कमाई की जा रही है। अब तो आलम यह है कि जहाँ एक फड़ से शुरू किया गया अवैध कारोबार इस कदर पनप चुका है कि गांव की शासकीय भूमि के माफिया बन चुके हैं और अब काफी संख्या में फड़ धड़ल्ले से बेखौफ संचालित हो रहे हैं।
हालांकि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तखतपुर मुख्यालय के एसडीएम शिवकुमार कवर ने भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए नायब तहसीलदार से अवैध ईंट भट्टों को चिन्हांकित कर सूची मांगी है। एसडीएम ने कहा कि मामला गंभीर है और गांव की शासकीय भूमि पर अवैध कारोबार संचालित करना पूर्ण रूप से गलत है। यदि ग्राम पंचायत की सहमति के बगैर किसी भी व्यक्ति द्वारा अवैध उत्खनन या कब्जा किया गया है, तो उन सभी के खिलाफ राजस्व एवं विधि के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी और इस प्रकार के अवैध कारोबार को तखतपुर क्षेत्र में फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा।
पूर्व में वर्ष 2022 में भी अवैध ईंट भट्ठे संचालित करने वालों पर कार्रवाई करते हुए ईंटें जब्त कर बेदखली की कार्रवाई की गई थी, लेकिन आज तक अवैध ईंट भट्ठों को हटाने में राजस्व विभाग के पसीने छूट रहे हैं। मानो इनको अभयदान दे दिया गया हो, जिससे अवैध ईंट भट्ठे संचालित करने वालों की संख्या क्षेत्र में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और जिम्मेदार आंखें बंद कर कुंभकर्णीय नींद में सोए हुए हैं।
मुख्यालय पटवारी को नहीं होती है अवैध कब्जे और ईंट भट्ठों की जानकारी। मुख्यालय पटवारी के नाक के नीचे हल्के में अवैध ईंट भट्ठे खुलेआम चल रहे हैं, फिर भी राजस्व विभाग को जानकारी देना जरूरी नहीं समझते। हल्का पटवारी विद्या मरावी से जानकारी लेने के लिए फोन किया गया, लेकिन पटवारी मैडम कॉल रिसीव करना जरूरी नहीं समझती हैं।
अब देखना होगा कि अवैध ईंट भट्ठे संचालित करने वालों के ऊपर प्रशासन नकेल कसेगी या फिर हमेशा की तरह जांच कर कार्रवाई का हवाला देकर पल्ला झाड़ते नजर आएगी।
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