
छांगुर बाबा
अवैध धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छांगुर के 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर बड़े पैमाने पर सबूत जुटाए. इनमें 12 ठिकाने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला में, दो महाराष्ट्र के मुंबई में और एक लखनऊ में हैं. छापेमारी के दौरान ईडी ने कई अहम दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, सोना, नकदी और लग्जरी गाड़ियां बरामद कीं. साथ ही, दुबई, यूएई और नेपाल से विदेशी फंडिंग के सुराग भी मिले हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी छांगुर के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 9 जुलाई को दर्ज मुकदमे (ईसीआईआर) के आधार पर जांच कर रही है. जांच में छांगुर से जुड़े 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये की राशि का पता चला, जिसमें अधिकांश धनराशि पश्चिम एशिया के देशों से प्राप्त हुई. ईडी का मकसद इस विदेशी चंदे के स्रोत और इसके उपयोग का पता लगाना है. संदेह है कि इस धन का इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण की गतिविधियों में किया गया.
मुंबई और लखनऊ में भी छापे
ईडी ने मुंबई के माहिम और बांद्रा इलाकों में शहजाद शेख उर्फ इलियास शेख के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसके खाते में छांगुर ने एक करोड़ रुपये भेजे थे. इसके अलावा, लखनऊ के चिनहट इलाके में छांगुर के सहयोगी राजेश उपाध्याय के आवास की भी तलाशी ली गई. बलरामपुर के उतरौला में छांगुर के उन सभी ठिकानों पर छापे मारे गए, जहां पहले यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) जांच कर चुका है.
ईडी की 12 टीमें सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक करीब 13 घंटे तक छांगुर और उसके सहयोगियों के ठिकानों की गहन तलाशी लेती रहीं. इस दौरान कई संपत्तियों के दस्तावेज, बैंक खातों की जानकारी और हवाला के जरिए नेपाल से धन लाने के सबूत मिले. ईडी ने छांगुर के करीबियों से भी पूछताछ की और 10 ऐसे लोगों से सवाल-जवाब किए, जो किसी न किसी रूप में छांगुर से जुड़े थे.
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को यूपी में चल रहे अवैध धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. उसका असली नाम करीमुल्ला शाह है और वह बलरामपुर का रहने वाला है. हाल ही में यूपी एटीएस ने छांगुर, उसके बेटे महबूब, और सहयोगियों नवीन उर्फ जलालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था. सभी वर्तमान में जेल में हैं. गुरुवार को एटीएस ने छांगुर के एक अन्य सहयोगी रशीद शाह को भी गिरफ्तार किया, जो आजमगढ़ में अवैध धर्मांतरण के एक मामले में वांछित था.
छांगुर के सहयोगी बदर की भी जांच
छांगुर गिरोह के सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी की भी एटीएस जांच कर रही है. मेरठ के लिसाड़ी गेट का रहने वाला बदर 2021 में एक युवती को अगवा करने के मामले में आरोपी है. उसके पिता ने दावा किया कि बदर से उनका कोई रिश्ता नहीं है, क्योंकि उसने उनकी मर्जी के खिलाफ शादी की थी.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी अब छांगुर को अपनी कस्टडी में लेकर रिमांड पर पूछताछ करेगी. छापेमारी में मिले दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों की गहन जांच के बाद ईडी इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने की तैयारी में है. जांच में शामिल लोगों से पूछताछ के दौरान कई ने घबराहट दिखाई और सवालों का जवाब देने में उनकी जुबान लड़खड़ा रही थी.
ईडी की जांच में पता चला कि छांगुर और उसके सहयोगियों ने बड़े पैमाने पर धनशोधन किया. नेपाल और पश्चिम एशिया से हवाला के जरिए आए धन को धर्मांतरण की गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया. बलरामपुर के उप निबंधक कार्यालय से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने छांगुर और उसके करीबियों द्वारा खरीदी गई संपत्तियों की भी पड़ताल की. इस कार्रवाई से अवैध धर्मांतरण और धनशोधन के इस बड़े रैकेट के खिलाफ कड़ा संदेश गया है.
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