
जल गंगा संवर्धन अभियान.
शासन और समाज के समन्वय से जल संरक्षण, जल स्त्रोतों के पुर्नजीवन और जन-जागरूकता को समर्पित ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ में प्रदेश के हॉर्टिकल्चर एंड फूड प्रोसेसिंग विभाग ने भी महती भूमिका निभाई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल और प्रेरणा से 30 मार्च से प्रारंभ किए गए अभियान में हॉर्टिकल्चर अमले और किसानों की भागीदारी शानदार रही है. इस अभियान में डेढ़ लाख से अधिक किसानों ने सक्रिय भागीदारी निभाई.
पानी चौपाल की सक्रियता
अभियान के अन्तर्गत जल के उचित प्रबंधन के प्रति जागरूकता के लिए प्रदेश के सभी 313 विकासखंडों में 812 ‘पानी चौपाल’ का आयोजन किया गया है. इनमें एक लाख 21 हजार से अधिक किसान सम्लिलित हुए. यह ‘पानी चौपाल’ ‘वन-वे’ नहीं ‘टू-वे’ कम्यूनिकेशन पर केन्द्रित रही, जिनमें किसानों द्वारा अपने गांव, खेतों में बने प्राकृतिक स्त्रोतों के संरक्षण, संवर्धन और पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार पर विचार रखे गए.
#जल_गंगा_संवर्धन_अभियान में उद्यानिकी कृषकों की सक्रिय भागीदारी
🔷प्रदेश के 4.77 लाख हेक्टेयर में फल उद्यान तैयार
🔷अभियान में 3998 हेक्टेयर में किया गया पौध-रोपण
RM : https://t.co/Po9vF7s2Sh @DrMohanYadav51@Narayan4bjp_#MadhyaPradesh #जल_गंगा_संवर्धन_अभियान_MP pic.twitter.com/arPBZsqThr
— Department of Horticulture, Govt of MP (@horticulturemp) June 28, 2025
किसानों को दी जानकारी
पानी चौपाल के माध्यम से किसानों को पौधरोपण के लिए समझाया गया कि कम से कम 2 से 3 आयु वर्ष के पौधों का ही रोपण किया जाए, इनके जीवित रहने की संभावना अधिक रहती है. वर्तमान में प्रदेश की विभिन्न नर्सरियों में 25 लाख से अधिक जीवित पौधे है, जो इच्छुक किसान भाई प्राप्त कर सकते हैं.
किसानों को पानी के महत्व को समझाने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पर ड्राप-मोर क्रॉप अभियान भी चलाया गया. जल गंगा संवर्धन अभियान में 12 हजार 488 हेक्टेयर क्षेत्र में इस पद्धति से सिंचाई के लिए लगभग 27 हजार कृषकों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया गया है, जो एक उपलब्धि है.
फलदार पौधों का रोपण
जल गंगा संवर्धन अभियान में 5000 हेक्टेयर में फलदार पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, 25 जून तक प्रदेश में 6231 कृषकों द्वारा 3998 हेक्टेयर में फलदार पौध-रोपण कराया गया है. इनमें आम, अमरूद, नीबू, आंवला जैसे पौधों की प्रचुरता है.
ब्रांड वैल्यू बढ़ाने का लक्ष्य
अभियान के तहत एक अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रदेश में कितने क्षेत्र में कौन से फल उद्यान हैं. उनका आंकलन करना, फिर उत्पादन की मांग, क्षेत्र के आधार पर उसके विक्रय, फूड प्रोसेसिंग प्लान करना, ब्रांड वैल्यू बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित करना रहा है. वर्तमान में प्रदेश में 4.77 लाख हेक्टेयर में फल उद्यान है.
इनमें सबसे ज्यादा क्षेत्र में संतरा 1 लाख 31 हजार 386 हेक्टेयर, आम 66 हजार 748 हेक्टेयर, अमरूद 57 हजार 81 हेक्टेयर, आंवला 32 हजार 455 हेक्टेयर, नीबू 28 हजार 290 हेक्टेयर, बेर 13 हजार 553 हेक्टेयर, कटहल 9306 हेक्टेयर, केला 34 हजार 864 हेक्टेयर, पपीता 14 हजार 352 हेक्टेयर और 89 हजार 241 हेक्टेयर क्षेत्र में अन्य फलों का उत्पादन किया जा रहा है.
फलों को मिला बेहतर मार्केट
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर उत्पादित फलों को बेहतर मार्केट मुहैया कराने के लिए आयोजित किए जा रहे, कृषि उद्यम समागम में आने वाले इन्वेस्टर्स को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर में आयोजित समागम में मध्यप्रदेश के संतना और केले की ब्रांडिंग करने पर विशेष जोर दिया. इन प्रयासों से प्रदेश के किसानों में नए उत्साह का संचार हो रहा है इसके बेहतर परिणाम शीघ्र ही धरातल पर परिलक्षित होने लगेंगे.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login