
ईरान ने इजराइल पर किया हमला. (फाइल फोटो)
इजराइल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके जवाब में ईरान ने देर रात इजराइल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया. ईरान इंटरनेशनल के मुताबिक, इजराइल पर ईरान ने 65 मिनट तक करीब 3 फेज में अटैक किया है. उसने इजराइल पर लगभग 200 मिसाइल दागे हैं. इन मिसाइलों के रडार में इजराइल की रक्षा मंत्रालय से जुड़े दफ्तर थे, जहां पीएम नेतन्याहू बैठते हैं और युद्ध की रणनीति बनाते हैं.
इन हमलों के दौरान यरुशलम और तेल अवीव के आसमान में विस्फोट हुए और नीचे की इमारतें हिल गईं. हमले के बाद तेल अवीव क्षेत्र के एक अस्पताल ने कहा कि वह 15 घायल नागरिकों का इलाज कर रहा है. एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि क्षेत्र में अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम ईरानी मिसाइलों को मार गिराने में मदद कर रही हैं.
मिडिल ईस्ट में उथल-पुथल
इजराइल के चल रहे हवाई हमलों और खुफिया अभियान, साथ ही ईरान की जवाबी कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच एक व्यापक युद्ध की चिंता को बढ़ा दिया है. वहीं इस क्षेत्र को, जो पहले से ही तनाव में है, और भी अधिक उथल-पुथल की ओर धकेल दिया है. बता दें कि हमले से पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि हम इजराइल को इस अपराध से सुरक्षित रूप से भागने नहीं देंगे. इस दौरान खामेनेई ने बदला लेने की भी कसम खाई थी.
इजराइल ने दी हमले की धमकी
इजराइल ने लंबे समय से इस तरह के हमले की धमकी दी थी, और लगातार अमेरिकी प्रशासन ने इसे रोकने की कोशिश की थी, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे मिडिल ईस्ट में व्यापक संघर्ष भड़क सकता है. लेकिन हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले से शुरू हुए घटनाक्रमों के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फिर से चुने जाने ने ऐसी स्थितियां पैदा कीं, जिससे इजराइल को आखिरकार अपनी धमकियों को पूरा करने की इजाजत मिली. इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका को हमले के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी.
इजराइल के हमले की निंदा
गुरुवार को, ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए दायित्वों का पालन न करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानीकर्ता ने निंदा की थी. वहीं कई देशों ने इजराइल के हमले की निंदा की, जबकि दुनिया भर के नेताओं ने दोनों पक्षों से तत्काल तनाव कम करने का आह्वान किया.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक
ईरान के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार दोपहर को एक आपातकालीन बैठक निर्धारित की. परिषद को लिखे एक पत्र में, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अपने अधिकारियों और वैज्ञानिकों की हत्या को राज्य आतंकवाद कहा और अपने देश के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि की.
इजराइल ने कैसे बनाया हमले का प्लान?
इजराइल की सेना ने कहा कि लगभग 100 टारगेट्स पर हमले में लगभग 200 विमान शामिल थे. नाम न बताने की शर्त पर बात करने वाले दो सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इसकी मोसाद जासूसी एजेंसी ने समय से पहले ईरान के अंदर विस्फोटक ड्रोन और सटीक हथियार तैनात किए, और उनका इस्तेमाल तेहरान के पास ईरानी एयर डिफेंस और मिसाइल लांचरों को निशाना बनाने के लिए किया.
इजराइल ने जिन प्रमुख स्थलों पर हमला किया, उनमें नतांज में ईरान का मुख्य न्यूक्लिय प्लांट भी शामिल था. इजराइल ने कहा कि उसने इस्फ़हान में एक न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर पर भी हमला किया, और कहा कि उसने पश्चिमी ईरान में दर्जनों रडार प्रतिष्ठानों और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लांचरों को नष्ट कर दिया. ईरान ने इस हमले की पुष्टि भी की.
आगे के हमलों का रास्ता साफ
इजराइली सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ़्रिन ने कहा कि नतांज सुविधा काफी क्षतिग्रस्त हुई है और ऑपरेशन अभी भी शुरुआती चरण में है. हमलों की पहली लहर ने इजराइल को ईरान के आसमान में काफी हद तक आवाजाही की आजादी दे दी थी, जिससे आगे के हमलों का रास्ता साफ हो गया. एक इजराइली सैन्य अधिकारी के अनुसार, इजराइल दो हफ्ते तक चलने वाले ऑपरेशन के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं है.
मारे गए लोगों में ईरान के तीन शीर्ष सैन्य नेता जनरल मोहम्मद बाघेरी, जनरल होसैन सलामी और जनरल आमिर अली हाजीजादेह शामिल हैं. ईरान ने तीनों मौतों की पुष्टि की, जो उसके शासक धर्मतंत्र के लिए महत्वपूर्ण झटका है जो जवाबी कार्रवाई के प्रयासों को जटिल बनाएगा. खामेनेई ने कहा कि अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक भी मारे गए.
अप्रैल में टल गया था हमला
नेतन्याहू ने कहा कि हमले की योजना महीनों से बनाई जा रही थी. शुक्रवार को पत्रकारों को भेजे गए एक वीडियो बयान में, उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले नवंबर में हमले की योजना बनाने का आदेश दिया था, लेबनान में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के तुरंत बाद, जो ईरान के सबसे मजबूत प्रॉक्सी में से एक है. नेतन्याहू ने कहा कि हमले की योजना अप्रैल के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया.
इजराइल पर 150 से ज्यादा ड्रोन दागे
शुक्रवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया में ईरान ने इजराइल पर 150 से ज़्यादा ड्रोन दागे. इजराइल ने कहा कि ड्रोन को उसके हवाई क्षेत्र के बाहर रोका गया और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कोई ड्रोन अंदर घुस पाया या नहीं. इजराइल की सेना ने कहा कि उसने रिजर्व सैनिकों को बुलाया है और पूरे देश में तैनात करना शुरू कर दिया है, क्योंकि वह ईरान या ईरानी प्रॉक्सी समूहों से आगे की जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है.
अमेरिका के साथ समझौता करने की अपील
ट्रंप ने शुक्रवार को ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ समझौता करने का आग्रह किया, अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर चेतावनी दी कि इजराइल के हमले बदतर होते जाएंगे. उन्होंने लिखा, ईरान को एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे, और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था, उसे बचाना चाहिए.
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