रायपुर. भारत सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) छत्तीसगढ़ में टीबी के उन्मूलन में राज्य शासन को सहयोग करेगा. इसके लिए नई दिल्ली में बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सेंट्रल टीबी डिवीजन और आईओसीएल (IOCL) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. छत्तीसगढ़ के राज्य क्षय अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र गहवई भी इस दौरान मौजूद थे. आईओसीएल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility) के तहत टीबी की जांच के लिए छत्तीसगढ़ को 50 ट्रूनाट मशीनें और पांच पोर्टेबल डिजिटल एक्स-रे मशीनें उपलब्ध कराएगा. तीन वर्षों तक इन मशीनों के मेन्टेनेन्स (Maintenance) का खर्च भी उनके द्वारा उठाया जाएगा.
आईओसीएल (IOCL) केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सेंट्रल टीबी डिवीजन को राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के संचालन में सहयोग प्रदान कर रहा है. क्षयरोग के त्वरित उन्मूलन हेतु परियोजना (Intensified Tuberculosis Elimination Project) के अंतर्गत आईओसीएल (IOCL) देश के दो राज्यों छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश में टीबी के उन्मूलन के लिए सहयोग कर रहा है. तीन वर्षों तक चलने वाली इस परियोजना में आईओसीएल (IOCL) दोनों राज्य सरकारों के साथ मिलकर टीबी के मरीजों की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी लाने के लिए कार्य करेगी. परियोजना के तहत वर्ष 2025 तक टीबी की वजह से होने वाली मौतों में 90 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग और आईओसीएल (IOCL) के बीच हुए एमओयू के तहत आईओसीएल प्रदेश में 31 मार्च 2026 तक टीबी के मरीजों की बीमारी के शुरूआती दौर में ही पहचान, टीबी के मरीजों को निःशुल्क इलाज और देखभाल उपलब्ध कराने और टीबी मरीजों के पूर्णतः स्वस्थ होने की दर को बढ़ाने राज्य सरकार को सहयोग प्रदान करेगी.