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राजस्थान में फिर गहराने लगा बिजली संकट का खतरा, गहलोत सरकार ने छत्तीसगढ़ को पत्र लिखकर कोयला आपूर्ति की मांग की

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Jul 11, 2023    150864 views     Online Now 298

दिल्ली.चुनाव होने से कुछ महीने पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ को पीईकेबी कोयला ब्लॉक के दूसरे चरण को सौंपने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए एक एसओएस भेजा है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार को थर्मल विद्युत संयंत्रों में ईंधन की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

छत्तीसगढ़ में सरगुजा के कलेक्टर को लिखे एक पत्र में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम (आरवीयूएन) ने तर्क दिया है कि कोयले की आपूर्ति पर इसके थर्मल पावर स्टेशन में छह-सात दिनों की गिरावट आई है और कोयले की कम आपूर्ति के कारण बिजली कम हो रही है.

सूत्रों ने बताया कि, पीईकेबी खदानों से रेक की आवाजाही से आरवीयूएन को 4,200 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए सौंपा गया था, लेकिन वन मंजूरी और पेड़ों को काटने की अनुमति की प्रक्रिया में समय लग गया. परिणामस्वरूप, विरोध के कारण 135 हेक्टेयर में से लगभग 91 हेक्टेयर का काम पूरा नहीं हो सका.

दरअसल राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं और गहलोत सरकार ने मुफ्त बिजली का वादा किया है, जिससे राजस्थान सरकार पर दबाव बढ़ गया है, क्योंकि उसे छत्तीसगढ़ के कोयला ब्लॉक से प्रतिदिन 5 से 6 रेक ही मिल रही हैं.

मानसून आने में और होगी देरी

पेड़ों की कटाई, आरयूवीएन ने छत्तीसगढ़ से इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है, क्योंकि देरी के परिणामस्वरूप पीईकेबी कोयला खदान से आपूर्ति बंद हो जाएगी. जिससे राजस्थान में बिजली सप्लाई प्रभावित होगी. यह भी तर्क दिया गया है कि, देरी से खनन स्थल पर सामाजिक अशांति हो सकती है, क्योंकि 5,000 परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोयला ब्लॉक पर निर्भर हैं.

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