
WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप पर ED का एक्शन
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली, फरीदाबाद समेत एनसीआर में 12 स्थानों पर WTC बिल्डर और प्रमोटर आशीष भल्ला और भूटानी ग्रुप और इसके प्रमोटर आशीष भूटानी के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तलाशी अभियान चलाया. ईडी ने निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में ये एक्शन लिया है.
ईडी ने सैकड़ों घर खरीदारों और निवेशकों की शिकायतों के आधार पर WTC ग्रुप और उसके प्रमोटरों आशीष भल्ला, सुपर्णा भल्ला, अभिजीत भल्ला, मेसर्स भूटानी इंफ्रा और अन्य के खिलाफ आरोपी कंपनियों/व्यक्तियों द्वारा सैकड़ों घर खरीदारों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में पीएस ईओडब्ल्यू नई दिल्ली, पीएस बीपीटीपी फरीदाबाद और पीएस फरीदाबाद सेंट्रल द्वारा दर्ज दर्जनों एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की.
जनता से धोखाधड़ी का आरोप
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मेसर्स डब्ल्यूटीसी फरीदाबाद इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और प्रमोटर ने प्लॉट खरीदारों और आम जनता को आवासीय प्लॉट के आवंटन के लिए फरीदाबाद के सेक्टर 111-114 में अपनी परियोजना में निवेश करने का लालच दिया. प्रमोटरों/निदेशकों ने एक आपराधिक साजिश रची और निर्धारित समय के अंदर परियोजना को पूरा नहीं करके 10 से अधिक वर्षों तक खरीदारों को प्लॉटों की डिलीवरी नहीं की और उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली.
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कई अहम दस्तावेज बरामद
एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया कि भूटानी इंफ्रा ग्रुप ने WTC ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया है और प्लॉट खरीदारों को असमंजस में रखते हुए फरीदाबाद के सेक्टर 111-114 में परियोजना को फिर से लॉन्च किया है और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है. तलाशी अभियान के दौरान, दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में 15 परियोजनाओं के खिलाफ विभिन्न निवेशकों से 3500 करोड़ रुपए से अधिक के फंड से संबंधित दस्तावेज पाए गए.
ग्रुप द्वारा शुरू की जा रही 15 प्रमुख परियोजनाओं में से बहुत कम की डिलीवरी की गई है, जो एक सुनियोजित पोंजी योजना और अन्य संस्थाओं के नाम पर संपत्ति बनाने और विदेशों में धन की हेराफेरी का संकेत है. इसके अलावा, तलाशी अभियान के दौरान यह भी पता चला कि 200 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सिंगापुर और अमेरिका में भेजी गई है, जो विदेशी संपत्ति हासिल करने के लिए विदेशों में निवेश का संकेत है.
WTC ग्रुप की कंपनियों के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रीज
तलाशी के दौरान WTC ग्रुप और भूटानी ग्रुप से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए जिन्हें ईडी ने जब्त कर लिया है. बताया जा रहा है कि हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति को नाममात्र के दाम पर भूटानी समूह को हस्तांतरित कर दिया गया है. समूह के नकद लेनदेन से संबंधित दस्तावेज पाए गए हैं. तलाशी कार्रवाई के दौरान लैपटॉप, हार्ड ड्राइव आदि जैसे विभिन्न डिजिटल उपकरण बरामद किए गए है. इसके अतिरिक्त WTC ग्रुप के नाम पर हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति की पहचान की गई है. वहीं WTC ग्रुप की कंपनियों के नाम पर विभिन्न फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज कर दिया गया है.
पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को ई़डी का नोटिस
वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL)को फेमा (FEMA) उल्लंघन के आरोप में नोटिस जारी किया है. ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि पेटीएम की प्रमुख कंपनी ओसीएल ने सिंगापुर में विदेशी निवेश किया था और विदेशी स्टेप डाउन सहायक कंपनी के निर्माण के लिए आरबीआई को आवश्यक रिपोर्ट दाखिल नहीं की थी। इसके अलावा, ओसीएल ने आरबीआई द्वारा निर्धारित उचित मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों का पालन किए बिना विदेशी निवेशकों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी प्राप्त किया था. ओसीएल की एक अन्य सहायक कंपनी मेसर्स नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आरबीआई द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर कंपनी द्वारा प्राप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की रिपोर्ट नहीं की.
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