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बिजली बिल के नाम पर ठगी, 9 गैंग मिलकर देते थे वारदात को अंजाम…

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Sep 11, 2022    150824 views     Online Now 217

बिजली बिल के नाम पर ठगी के पूरे देश में चल रहे नेटवर्क में नौ गैंग एक साथ मिलकर काम कर रहे थे. हाल ही में दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट द्वारा गैंग का पर्दाफाश करते हुए 65 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया था. 22 शहरों में छापेमारी कर पकड़ा देश के विभिन्न इलाकों में सक्रिय ये गैंग साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए अलग-अलग काम एक साथ मिलकर करते थे. आईएफएसओ यूनिट द्वारा देश के 22 शहरों में की गई छापेमारी के दौरान हत्थे चढ़े इन सभी गैंग के जालसाजों से हुई पूछताछ में यह खुलासा हुआ है.

पूछताछ में पता चला कि चार गैंग मैसेज भेजने और टेलीकॉलर का काम करते थे, जबकि दो गैंग सिमकार्ड और बैंक अकाउंट की व्यवस्था करते थे. वहीं, तीन गैंग का काम ठगी की रकम निकाल कर अलग-अलग गिरोह के अकाउंट में भेजना होता था. करीब छह महीने से सभी गैंग एक दूसरे से मिलकर काम कर रहे थे.

छह महीने से करीब आए हालांकि, अलग-अलग तरीके से अपने-अपने इलाके में तो ये साइबर ठगी कर ही रहे थे, लेकिन इस तरह से जालसाजी करने के दौरान करीब छह महीने से एक दूसरे के करीब आए.

ऐसे चलता था नेटवर्क

  • जामताड़ा, करमाटांड़, गिरिडीह, देवगढ़ मैसेज भेजने और टेलीकॉलर का काम
  • पश्चिम बंगाल और कटिहार सिमकार्ड और बैंक अकाउंट मुहैया कराने का काम
  • लुधियाना, जयपुर और इंदौर ठगी से मिली रकम को निकाल कर एक दूसरे के पास भेजने का काम

ऐसे देते थे ठगी को अंजाम

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह गैंग लोगों के फोन पर SMS भेजते थे, जिसमें उनका बिजली का बिल बकाया होने की बात लिखी होती थी. मैसेज में जल्द बिल भुगतान न करने पर बिजली काटने की बात कही जाती थी. इस मैसेज के साथ एक मोबाइल नंबर भी लिखा होता था. मैसेज बीएसईएस की तरफ से आया हुआ समझकर पीड़ित उस मोबाइल नंबर पर फोन करते थे.

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 जिसके बाद गैंग के मेंबर अपने आप को बीएसईएस का कर्मचारी बताकर तुरंत बिल का भुगतान करने के लिए कहते थे. इस तरीके से यह गैंग लोगों से अपने अकाउंट में पैसा डलवा लेता था या फिर एक खास सॉफ्टवेयर उनके मोबाइल में इंस्टॉल कराकर मोबाइल का एक्सेस ले लेते थे. एक बार मोबाइल का रिमोट एक्सेस इनके हाथ में आ जाने के बाद मोबाइल में आने वाले ओटीपी को भी एक्सेस कर लेते थे. इतना ही नहीं यह गैंग पीड़ित की नेट बैंकिंग ओटीपी के जरिये उनके बैंक अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कर लिया करते थे.

22 शहरों में 10 दिन तक चली छापेमारी

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद इनके खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया गया था, जिसने पुलिस ने 22 शहरों में 10 दिन तक छापेमारी की और गैंग के 65 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस ने इनके पास से 45 मोबाइल फोन, 60 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 9 चेकबुक और 7 पासबुक बरामद की हैं. साथी ही पुलिस ने इनके 100 से ज्यादा बैंक एकाउंट को फ्रीज़ भी किया है, जिसमें ये धोखाधड़ी से पैसा ट्रांसफर किया करते थे.

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