रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार और राजभवन में आरक्षण के मुद्दे पर ठन गई है. छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक को लेकर राज्यपाल ने सरकार से 10 प्रश्न पूछे हैं. इसे लेकर CM भूपेश बघेल ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. राज्यपाल अनुसुईया उईके के साइन न करने को लेकर बीजेपी की षडयंत्र बताया है.
दरअसल, आरक्षण पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने सामने हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजभवन द्वारा विभागों से जानकारी मांगने को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि कोई भी विभाग विधानसभा से बड़ा नहीं हो सकता है.
वहीं सीएम भूपेश बघेल ने विधेयक में देरी को भाजपा का षड्यंत्र बताया है. सीएम ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासियों को आरक्षण मिले. आरक्षण को लेकर राज्यपाल द्वारा सरकार से किए 10 सवाल को राजनीति करार दिया है.
राज्यपाल ने सरकार से पूछे थे 10 सवाल
राज्यपाल ने 13 दिनों बाद भी आरक्षण संशोधन विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. वहीं विधेयक को फिर से विचार करने के लिए भी सरकार को नहीं लौटाया. बुधवार को राजभवन ने राज्य सरकार को 10 सवालों की एक फेहरिस्त भेजी.
इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा मानने का आधार पूछा गया है. इसके जरिये राजभवन ने कुछ कानूनी सवाल भी उठाये हैं. इसके बाद से विधेयकों के कानून बनने की संभावना टलती जा रही है.
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