
हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव
बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर अभी से राजनीतिक दलों ने अपने-अपने सियासी समीकरण बनाने शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में बीते दिन इंडिया ब्लॉक (महागठबंधन ) की बैठक हुई. इस बैठक में आरजेडी और कांग्रेस जैसे प्रमुख दल शामिल हुए. हालांकि इस बैठक में झारखंड की सत्ता में काबिज और महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा को न्योता नहीं दिया गया. यही कारण है कि इस बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है.
चुनावी समीकरण को लेकर हुई महागठबंधन की बैठक से आउट हुई झारखंड मुक्ति मोर्चा के तेवर तल्ख हो गए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य से जब पूछा गया की महागठबंधन की बैठक में आपके दल को बुलाया नहीं गया तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि हम कोई जबरदस्ती किसी बैठक में शामिल होने नहीं जाएंगे. साथ ही साथ उन्होंने ताल ठोकते हुए यह भी स्पष्ट किया कि हम लोग बिहार में चुनाव लड़ेंगे यह तय है.
हमने धर्म निभाया RJD भी निभाए- सुप्रियो भट्टाचार्य
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राजद और कांग्रेस को यह बात याद रखनी चाहिए कि हम लोग उन लोगों को पूरे सम्मान के साथ अपने साथ रखे हुए हैं. राजद को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब उनका एक विधायक था तो भी हम लोगों ने उन्हें मंत्री पद दिया था. हमने गठबंधन धर्म झारखंड में निभाया बिहार में राजद को गठबंधन धर्म निभाना चाहिए.
उचित समय आने पर शीर्ष नेतृत्व करेगा विचार- आरजेडी
झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से लगाए गए आरोपों और नाराजगी का आरजेडी ने जवाब दिया. झारखंड आरजेडी महासचिव और मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि महागठबंधन के तहत बिहार में जो पार्टी एक विचारधारा की है और बिहार में सक्रिय हैं. उन्हें उस बैठक में बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि रही बात झारखंड मुक्ति मोर्चा की तो, जब उचित समय आएगा तो शीर्ष नेतृत्व उस पर विचार करेगा.
उन्होंने कहा कि इस सब के बीच झामुमो का दावा ठोकना और दबाव बनाना यह सही नहीं है. हर पार्टी चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़े और ज्यादा प्रदेशों में चुनाव लड़े, ताकि राष्ट्रीय पार्टी बन सके. झामुमो की सोच सही है, लेकिन बिहार में उनका जनाधार क्या है, यह उन्हें भी अच्छे से पता है. बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा का नेतृत्व करता कौन है…? कितने जिलों में उनका संगठन है यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए.
JMM को पेशेंस रखना होगा
आरजेडी नेता ने कहा कि JMM चाहे तो बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. हम बिहार और झारखंड दोनों राज्यों में ही मजबूत स्थिति में हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा का संगठन बिहार में मजबूत नहीं है. हालांकि महागठबंधन के तहत सीट शेयरिंग में उन्हें सम्मान मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें धैर्य रखना होगा.
बीजेपी ने पूरे मामले पर ली चुटकी
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा को आमंत्रित नहीं किए जाने पर चुटकी ली है. विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री रहे सीपी सिंह ने कहा कि एक पुरानी कहावत है तोप मांगोगे तो ही बंदूक का लाइसेंस मिलेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा 16 सीट मांग रही है, तभी तो शायद उन्हें एक -दो सीट मिलेगा.
इन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी JMM
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने चुकी पिछले दिनों कहा था कि की बिहार के 16 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. 12 सीट तो तय हैं लेकिन हमारी तैयारी 16 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. उन्होंने बिहार की उन विधानसभा सीटों के नाम भी गिना दी हैं, जहां से पार्टी चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. पांडेय के मुताबिक, बिहार की चकाई, कटोरिया, ठाकुरगंज, कोचाधामन, रानीगंज, बनमनखी, रुपौली, धमदाहा, पूरनपुर, झाझा, छातापुर, सोनबरसा, रामनगर, जमालपुर, तारापुर और मनिहारी की सीट शामिल है.
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