
‘अल दीनदार म्यूजियम’ में 100 साल पुरानी तस्वीरों का संग्रह रखा हुआ है.
गाजीपुर के दिलदारनगर में ‘अल दीनदार शम्सी म्यूजियम एंड रिसर्च सेंटर’ है. इस म्यूजियम में सैकड़ों साल पुराने दस्तावेजों का ऐसा संकलन है, जिसे देखने के बाद लोग अतीत में खो जाते हैं और सोचने लगते हैं कि हमारे पूर्वज सैकड़ों साल पूर्व क्या करते थे, कैसे रहते थे. ऐसे में अगर हम बात करें ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ की तो यह म्यूजियम उस क्षेत्र में भी अपना अहम किरदार निभाता है. इसके कर्ताधर्ता कुंवर नसीम रजा हैं. म्यूजियम में 104 वर्षों की पुरानी तस्वीरों का संग्रह आज भी मौजूद है. इतना ही नहीं ब्लैक एंड वाइट के पूर्व ब्लैक एंड ब्राउन तस्वीर भी यहां मौजूद है.
दुर्लभ और पुराने से पुराने ऐतिहासिक सामान, दस्तावेज, सैकड़ों साल के ईंट-पत्थर के साथ करीब 104 साल से अधिक पुरानी तस्वीरों का संग्रह ‘अल दीनदार शम्सी म्यूजियम एंड रिसर्च सेंटर’ में मौजूद है. यह संग्रह और किसी और के नहीं बल्कि संग्रहकर्ता कुंवर नसीम रजा खान की मेहनत की बदौलत है. इन्होंने ऐतिहासिक, दुर्लभ वस्तुओं और तस्वीरों के संग्रह में ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ व ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में तीन तीन बार अपना नाम दर्ज करा कर संग्रह के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है. वहीं इनके पिता ने भी वंश वृक्ष के लिए सम्मानित हो चुके हैं.
कुंवर नसीम रजा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. इन्हें आज भी क्षेत्र के लोग संग्रहकर्ता के नाम से जानते हैं. इनके संग्रह में मुगलिया दौर से लेकर अंग्रेजों के शासन काल की धरोहरों, विरासतों एवं तस्वीरों का दुर्लभ व नायाब संग्रह है. इनके संग्रह में एक नायाब संग्रह दिलदारनगर के संस्थापक मुगल कालीन मोहम्मद दीनदार उर्फ कुंवर नवल सिंह के वंशज जमीदारों की तस्वीरें हैं, जो एक 104 वर्ष पुरानी करीब सन 1920 की हैं.
ब्लैक एंड ब्राउन तस्वीरों का संग्रह
वहीं एक तस्वीर ब्रिटिश काल में तत्कालीन जमींदार एवं रेलवे के इंजीनियर मोहम्मद अल्ताफ हुसैन खान का भी है, जो दीनदार खान के ही वंशज हैं. तस्वीर की विशेषता यह है कि ब्लैक एंड वाइट के पूर्व ब्लैक एंड ब्राउन तस्वीर है, जो किसी ब्रिटिश अधिकारी द्वारा खींची गई थी. इस तस्वीर का रंग पीला एवं सुनहरा दिखता है. वहीं दूसरी तस्वीर लगभग 1932-33 की है, जिसमें दीनदार खान के वंशज बदरुदीन खां, तालिब हुसैन खां, शमसुद्दीन खां, मोहम्मद वसी खां और जमीलुद्दीन खां आदि जमींदार हैं.
सपा सरकार में म्यूजियम के लिए मिला था भवन
नसीम रजा ने बताया कि यह पुरानी तस्वीर उनको अपने पूर्वजों से विरासत में मिली थीं, जिन्हें आज भी वह अपने संग्रहालय में सहेज कर रखे हुए हैं. हालांकि तस्वीर में दिखने वाले कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं हैं. कुंवर नसीम रजा खान अपने इसी संग्रह की कला के जरिए पूरे जिले में जाने जाते हैं. हालांकि इनके संग्रह से प्रभावित होकर सपा सरकार में पर्यटन विभाग के द्वारा उनको भवन दिया गया, लेकिन वह भवन अभी म्यूजियम के मानकों पर खरा नहीं उतरा है. इसी कारण इनका संग्रह आम लोगों के लिए समर्पित नहीं हो पा रहा है.
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