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गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की जयंती पर जुटेंगे ब्राह्मण नेता, बीजेपी को क्या मैसेज दे रही सपा? | Uttar Pradesh Brahmin leaders gather in Gorakhpur jubilee Of Harishankar Tiwari what message To BJP

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Aug 3, 2024    150889 views     Online Now 215
गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की जयंती पर जुटेंगे ब्राह्मण नेता, बीजेपी को क्या मैसेज दे रही सपा?

हरिशंकर तिवारी की जयंती पर जुटेंगे ब्राह्मण नेता

उत्तर प्रदेश में सियासी सुर्खियों में आए हरिशंकर तिवारी का परिवार गोरखपुर में शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में है. इसके लिए 5 अगस्त की तारीख तय की गई है. इस दिन पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की 89वीं जयंती है. जयंती का कार्यक्रम गोरखपुर के चिल्लूपार में होगा, जिसकी अध्यक्षता सपा के कद्दावर नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय करेंगे.

गोरखपुर में विपक्ष के ब्राह्मण नेताओं के जुटान से सियासी गलियारों में 2 सवाल उठ रहे हैं. पहला, क्या इससे पूर्वांचल की राजनीति में कोई उलटफेर होगा और दूसरा अखिलेश यादव तिवारी परिवार को तरजीह देकर बीजेपी को क्या संदेश देना चाहते हैं?

पहले पुण्यतिथि के इस कार्यक्रम के बारे में

हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विनय तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा सोशल मीडिया पर शेयर की है. विनय के मुताबिक 5 अगस्त को पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की जयंती को लेकर चिल्लूपार के इंटर कॉलेज में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय करेंगे.

कांग्रेस के कद्दावर नेता नकुल दुबे भी इस कार्यक्रम के अतिथि हैं. सिद्धार्थनगर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति रजनीकांत पांडेय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बनाए गए हैं. तिवारी परिवार इस कार्यक्रम के जरिए गोरखपुर में शक्ति प्रदर्शन करने में जुटा है.

सुर्खियों में हैं हरिशंकर तिवारी का मुद्दा

दिवंगत हरिशंकर तिवारी अभी उत्तर प्रदेश की सियासत में सुर्खियों में हैं. हाल ही में उनके गांव टाडा में बन रही प्रतिमा को प्रशासन ने बुलडोज करवा दिया. यह मुद्दा सड़क से सदन तक उठा. सदन में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इस पूरी कार्रवाई को निजी खुन्नस में करवाने का आरोप लगाया.

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सदन के स्पीकर ने पूरे मामले को दिखवाने का आश्वासन दिया. इसके बाद सदन में हंगामा शांत हुआ. अखिलेश यादव ने प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे पर बुलडोजर चलने को मान-सम्मान के साथ जोड़ दिया. अखिलेश ने कहा कि बुलडोजर अब मान-सम्मान पर चलने लगा है. जनता इसका हिसाब करेगी.

अखिलेश बीजेपी को क्या संदेश देना चाहते हैं?

पहले हरिशंकर तिवारी के मुद्दों को सदन में उठाना और फिर जयंती कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के जाने की खबर से सवाल उठ रहा है कि आखिर अखिलेश यादव हरिशंकर तिवारी के जरिए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को क्या संदेश देना चाहते हैं.

गोरखपुर और पूर्वांचल में हरिशंकर तिवारी ब्राह्मणों के बड़े नेता के रूप में माने जाते रहे हैं. तिवारी 7 बार के विधायक और यूपी सरकार में मंत्री रहे हैं. पूर्वांचल की राजनीति ब्राह्मण और ठाकुरों के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है. वर्तमान में दोनों ही समुदाय मजबूती से भारतीय जनता पार्टी के साथ है. अखिलेश यादव तिवारी के जरिए ब्राह्मणों को साधने की कोशिश कर रहे हैं.

गोरखपुर की स्थानीय सियासत में हरिशंकर तिवारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अदावतें भी काफी मशहूर है. कई बार हरिशंकर तिवारी के बेटे उनके परिवार इन अदावतों का जिक्र भी कर चुके हैं. ऐसे में अखिलेश तिवारी परिवार के समर्थन में खुलकर बैटिंग कर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चेबंदी करने में जुटे हैं.

पूर्वांचल में ब्राह्मण वोट बैंक और हरिशंकर तिवारी

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित महाराजगंज, गोरखपुर, संत कबीरनगर, देवरिया, बस्ती और सिद्धार्थनगर में ब्राह्मण वोटरों का दबदबा है. इन जिलों में 17 से लेकर 25 प्रतिशत और उससे ज्यादा तक ब्राह्मणों की आबादी है.

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इन जिलों में विधानसभा की करीब 40 सीटें हैं, जिसमें से सपा को पिछले चुनाव में सिर्फ 6 सीटों पर जीत मिली थी. महाराजगंज की एक सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. बाकी के सभी सीटें बीजेपी के खाते में आई थी.

1990 से लेकर 2010 तक हरिशंकर तिवारी इन वोट को लामबंद करते रहे. वोटों की इन्हीं लामबंदी के बूते तिवारी 1997 से 2007 तक लगातार यूपी सरकार में मंत्री रहे. इस दौरान यूपी में कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव राज्य के मुख्यमंत्री बने.

2007 में तिवारी चिल्लूपार सीट पर बीएसपी के राजेश त्रिपाठी से हार गए. हालांकि, 2009 में तिवारी परिवार ने जबरदस्त वापसी की. उनके बड़े बेटे भीष्म शंकर संतकबीर नगर से लोकसभा के चुनाव जीत गए.

2022 तक तिवारी परिवार का सदस्य किसी न किसी सदन का सदस्य रहा, लेकिन 2022 में बीजेपी के उम्मीदवार ने चिल्लूपार से हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय को हरा दिया.

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