ओम बिरला और के सुरेश.
18वीं लोकसभा की शुरुआत में स्पीकर के मुद्दे पर सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक आमने-सामने हैं. एनडीए ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है तो विपक्ष ने लोकसभा उपाध्यक्ष पद की मांग की, लेकिन मोदी सरकार ने उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने पर राजी नहीं है. इसके बाद विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया है. वहीं, इंडिया ब्लॉक की बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विपक्ष का नेता बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. इस बाबत कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर को पत्र भेजा है.
बुधवार को स्पीकर पद को लेकर लोकसभा में घमासान होने के आसार हैं, हालांकि इंडिया गठबंधन ने संकेत दिया है कि इंडिया ब्लॉक के नेता मतगणना पर जोर नहीं देंगे, बल्कि ध्वनिमत से यह संदेश देंगे कि उन्हें (इंडिया ब्लॉक को) हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.
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विपक्षी दल ने सत्तारूढ़ एनडीए पर आरोप लगाया कि उसने परंपरा का उल्लंघन करते हुए उपसभापति का पद उन्हें नहीं दिया. विपक्षी दल के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर एक अहम बैठक की, जिसमें उन्होंने बुधवार को होने वाले चुनाव की रणनीति पर चर्चा की. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के आवास पर कांग्रेस, शिवसेना, आरजेडी, जेएमएम, टीएमसी, डीएमके, आप, एनसीपी,समाजवादी पार्टी, सीपीएम, सीपीआई और आरएसपी के नेता मौजूद थे.
स्पीकर चुनाव को लेकर विपक्ष में मतभेद
विपक्षी खेमे में शुरुआती मतभेद देखने को मिले, जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया कि सुरेश को संयुक्त उम्मीदवार बनाने से पहले उनसे सलाह नहीं ली गई. हालांकि, खरगे के आवास पर हुई बैठक में टीएमसी भी शामिल हुई. बैठक में टीएमसी ने स्पीकर पद का चुनाव नहीं लड़ने पर जोर दिया. इस बीच, राहुल गांधी ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से बातचीत भी की.
वहीं, एनसीपी (सपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने भारतीय ब्लॉक को सलाह दी है कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होना चाहिए, लेकिन विपक्ष को उपसभापति का पद मिलना चाहिए, जो संसदीय परंपरा रही है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने बुधवार को होने वाले चुनाव में मतदान के दौरान उपस्थित रहने के लिए अपने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को तीन लाइन का व्हिप पहले ही जारी कर दिया है.
47 सालों के बाद होगा स्पीकर पद का चुनाव
के सुरेश एनडीए के ओम बिरला से मुकाबला करेंगे, जिन्हें सत्तारूढ़ दल ने 47 वर्षों के बाद होने वाले दुर्लभ चुनाव में फिर से नामांकित किया है. कई वर्षों के बाद यह चौथी बार होगा जब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा, क्योंकि नामांकित व्यक्ति आमतौर पर निर्विरोध चुना जाता है.
स्वतंत्रता से पहले अध्यक्ष पद के लिए चुनाव आम बात थी, लेकिन स्वतंत्र भारत में लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के पद के लिए केवल तीन बार 1952, 1967 और 1976 में चुनाव हुए हैं. विपक्ष द्वारा यह चुनाव इसलिए कराया गया, क्योंकि सरकार ने विपक्ष को यह आश्वासन नहीं दिया कि उपाध्यक्ष का पद उन्हें दिया जाएगा.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पद पर आम सहमति बनाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे से संपर्क किया, लेकिन विपक्ष द्वारा रखी गई पूर्व शर्त के बाद यह पहल विफल हो गई. कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल और डीएमके के टी आर बालू ने उपसभापति पद पर आश्वासन के बिना एनडीए उम्मीदवार बिरला का समर्थन करने से इनकार करते हुए रक्षा मंत्री के कार्यालय से बाहर चले गए.
विपक्ष ने मांगा उपाध्यक्ष पद, सरकार का इनकार
“We are ready to support Speaker but Deputy Speaker should be given to Opposition”: Congress’ KC Venugopal
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— ANI Digital (@ani_digital) June 25, 2024
दूसरी ओर, वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा ने विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद देने की प्रतिबद्धता जताने से इनकार कर दिया, हालांकि केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जे पी नड्डा और सिंह ने विपक्षी नेताओं को एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ललन सिंह ने कांग्रेस पर शर्तें रखने का आरोप लगाया और कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन उपसभापति के चुनाव के समय उनकी मांग पर चर्चा करने को तैयार है.
ललन सिंह ने कहा कि दबाव की राजनीति नहीं हो सकती, जबकि गोयल ने कहा कि लोकतंत्र पूर्व शर्तों पर नहीं चल सकता. केरल से आठ बार सांसद रहे दलित नेता सुरेश ने तीन नामांकन दाखिल किए, जिनका टीएमसी को छोड़कर कई सहयोगियों ने समर्थन किया. इससे पहले, राहुल गांधी ने कहा कि अगर परंपरा का पालन किया जाता है और उपसभापति का पद उन्हें दिया जाता है तो विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष की पसंद पर सरकार का समर्थन करेगा.
संख्या बल सरकार के पक्ष में, विपक्ष के पास कितने वोट?
बता दें कि लोकसभा में संख्या बल सत्तारूढ़ एनडीए के पक्ष में है, जिसके पास 293 सांसद हैं और इंडिया ब्लॉक के पास 233 हैं. कम से कम तीन स्वतंत्र सदस्यों ने भी विपक्ष का समर्थन किया है. ऐसे में यदि वोट होता भी है, तो एनडीए के उम्मीदवार की जीत तय है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि विपक्ष चुनाव के दौरान वोट कराने की मांग नहीं करेगा, बल्कि ध्वनि मत पर जोर देगा.
स्पीकर पद के चुनाव के दौरान लोकसभा से विपक्ष के पांच सांसद और दो निर्दलीय सांसद अनुपस्थित रहने की संभावना है, क्योंकि इन सांसदों ने सांसद पद की शपथ अभी नहीं ली है. टीएमसी के सांसद नुरुल इस्लाम, शत्रुघ्न सिन्हा, दीपक अधिकारी, सपा के आफजाल अंसारी और कांग्रेस के शशि थरूर ने अभी तक सांसद पद की शपथ नहीं ली है. वहीं, दो निर्दलीय सांसद अमृत पाल और रसीद इंजीनियर ने भी अभी सांसद पद की शपथ नहीं ली है. ये दोनों सांसद फिलहाल जेल में हैं.
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