बदायूं। धर्म चाहे जो भी हो प्रत्येक धर्म में महिला शक्ति अर्थात मां को सर्वोच्च बताया जाता है। लेकिन जब जन्मदायिनी ही शक्ति स्वरूपा अपनी कोख से जन्मी फूल सी बच्ची को बेदर्दी से मरने को छोड़ दे तो यह धरती ही नहीं वरन समूचा ब्रह्मांड ही कांप जाता है। ऐसी ही एक दर्दनाक घटना थाना कादरचौक के ग्राम पंचायत खितोलिया में हुई जहां एक निर्मोही मां ने बच्ची को पैदा होते ही खेत में जाकर गड्ढे में दबा दिया। सुबह जब गांव की महिलाएं खेत में शौच को गईं तो उन्होंने मासूम को मिट्टी में गड़ा देख इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। देखते ही देखते मासूम को देखने ग्रामीणों का हुजूम लग गया। सूचना पर थाना कादरचौक के इंस्पेक्टर वेदपाल सिंह मौके पर पहुंचे।
श्री सिंह ने बच्ची को महिला सिपाही के सुपुर्द किया जिसने मासूम को कपड़े पहनाए। एसओ ने घायल मासूम को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कादरचौक ले जाकर प्राथमिक उपचार कराया। चिकित्सकों ने बच्ची को जिला अस्पताल रैफर कर दिया। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक शक्ति को यूं ही संसार में आने से पहले या आने के बाद जान गंवाने को मजबूर होना पड़ेगा।