
सीडीएस जनरल अनिल चौहान. (फाइल फोटो)
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले महीने सैन्य संघर्ष के कारण बढ़े तनाव के बीच दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान अपने-अपने विचार साझा किए. शांगरी-ला डायलॉग को एशिया के प्रमुख रक्षा मंच के रूप में जाना जाता है. चैनल न्यूज एशिया ने रविवार को बताया कि शुक्रवार से रविवार तक आयोजित शीर्ष वैश्विक रक्षा मंच की बैठक में दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से जारी तनाव का जिक्र किया.
भारत ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए घातक हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों पर आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया. भारत-पाकिस्तान जिस तरह भौगोलिक रूप से एक-दूसरे के बगल में हैं, उसी तरह दोनों देशों के कुछ शीर्ष जनरल शनिवार दोपहर को शांगरी-ला डॉयलाग के दौरान पड़ोसी सम्मेलन कक्षों में बैठे और रक्षा नवाचार समाधानों से लेकर क्षेत्रीय संकट-प्रबंधन तंत्रों तक के विषयों पर एक साथ चलने वाले सत्रों में हिस्सा लिया.
हमारे विरोधियों के लिए सबक
भारतीय सशस्त्र बलों के रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने राजनीतिक रूप से जो किया है, उसने आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने को लेकर एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है. जनरल चौहान ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह विशेष ऑपरेशन, जो मूल रूप से सैन्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है, हमारे विरोधियों के लिए भी सबक है. उम्मीद है कि वे सबक लेंगे कि यह भारत की सहनशीलता की सीमा है. उन्होंने कहा कि हम लगभग दो दशकों से इस छद्म युद्ध का सामना कर रहे हैं और हमने बहुत से लोगों को खो दिया है. हम इसे खत्म करना चाहते हैं.
पहलगाम में आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ढांचों को तबाह करने के लिए सात मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई इसी ऑपरेशन के तहत की गईं. भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति के साथ खत्म हुआ.
पाकिस्तान ने दी गीदड़भभकी
पाकिस्तान सशस्त्र बलों के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने चेतावनी दी कि अगर फिर से संघर्ष हुआ तो क्या हो सकता है. उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि यदि अगली बार ऐसा संघर्ष हुआ और शहरों को पहले निशाना बनाया गया तथा सीमाएं अप्रासंगिक हो गईं तो स्थिति खतरनाक स्तर तक बिगड़ सकती है.
उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना बन सकती है कि सीमित समयावधि के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप से पहले ही क्षति और विनाश हो चुका हो. हाल की शत्रुता के मद्देनजर, दोनों पक्ष हथियारों से शब्दों की ओर बढ़ गए हैं, भारत ने दुनिया भर में 30 से अधिक राजधानियों का दौरा करने के लिए कई प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं.
पाकिस्तान द्वारा इसी तरह का प्रयास दो जून से किया जाना है. चैनल में सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य भी थे, जिसने 27 मई को सिंगापुर में रुकने के दौरान पूर्वी और दक्षिण पूर्व एशिया का दौरा किया था. कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद इस विचार से सहमत थे कि यह प्रयास अभूतपूर्व है.
दुनिया भर में सात प्रतिनिधिमंडल
उन्होंने कहा कि यह एक तरह से नवाचार है और तथ्य यह है कि (संयुक्त राष्ट्र) सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों और सुरक्षा परिषद के संभावित सदस्यों के लिए दुनिया भर में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हैं. इस अर्थ में यह अभूतपूर्व है, और हमें बहुत बड़ा समर्थन मिला है. चैनल की खबर के अनुसार, यह आख्यान भारत के आरोपों पर पूरी तरह केंद्रित है कि पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है.
जनरल मिर्जा ने चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवाद से निपट रहा है और तालिबान शासित अफगानिस्तान में स्थित समूहों के कारण सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए काम कर रहा है. मिर्जा ने कहा कि आतंकवाद के कारण उनके देश को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और हजारों लोग मारे गए हैं.
हम किसी एक देश पर निर्भर नहीं: सीडीएस
चैनल की खबर के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच 96 घंटे तक चले टकराव को प्रतिद्वंद्वियों की संबंधित हथियार प्रणालियों के परीक्षण के रूप में देखा गया, जिसमें फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू जेट और चीनी निर्मित जे10-सी जेट (चीनी निर्मित मिसाइलों से लैस) शामिल हैं. जनरल चौहान ने कहा, भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं है. हमारे पास कई तरह की क्षमताएं हैं. इनमें से अधिकांश क्षमताओं का अच्छे प्रभाव के लिए उपयोग किया गया है.
किन देशों से हथियार लेता है पाकिस्तान
जनरल मिर्जा ने चैनल को बताया कि उनके देश की क्षमताओं में चीन और कई अन्य जगहों के हथियार शामिल हैं. जनरल मिर्जा ने कहा कि मेरे पास अमेरिकी, तुर्किये, इटली और ब्रिटेन के सैन्य हथियार हैं. हमारे पास सभी हथियार उत्पादक देशों के हथियार हैं. इसके अलावा, दोनों पक्ष ड्रोन पर निर्भर थे और साथ ही उन्हें गलत सूचना के रूप में गंभीर खतरों का भी सामना करना पड़ रहा था. लेकिन वैश्विक चिंता दोनों के पास मौजूद अपरंपरागत हथियारों पर टिकी हुई थी, जो व्यापक विनाश और जानमाल की हानि का कारण बन सकते हैं.
परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर चर्चा
दोनों देश इस बात पर अड़े रहे कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर कभी चर्चा नहीं हुई थी. जनरल मिर्जा सहित पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया है कि इस्लामाबाद ने राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण की बैठक बुलाई थी. राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी करने वाला निकाय है. मिर्जा ने कहा कि आधुनिक युद्ध के औजार एआई, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, साइबर, सटीकता, मारक क्षमता और हथियार हैं.
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