
आकाश आनंद और मायावती.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है. पार्टी प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे और पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को पार्टी में वापस ले लिया है. उन्हें फिर से राष्ट्रीय समन्वय बनाया गया है और इसके साथ ही उन्हें राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
यह वापसी उस समय हुई है जब महज सात हफ्ते पहले मार्च में उन्हें अनुशासनहीनता और परिवारिक हस्तक्षेप के आरोपों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. अब पार्टी में उनकी तीसरी पारी शुरू हो रही है, लेकिन कई कड़े नियमों और शर्तों के साथ, लेकिन इसके साथ ही फिर से आकाश आनंद बहुजन समाज पार्टी में दूसरे नंबर के नेता बन गये हैं.
बीएसपी में आकाश आनंद की तीसरी बार वापसी के बाद बुआ और भतीजे के रिश्ते को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गयी है और आकाश आनंद की वापसी के बाद फिर से यह सवाल उठ रहे हैं कि अपने उत्तराधिकारी को लेकर भी मायावती अपने फैसले पर विचार करेंगी?
आकाश की तीसरी बार हुई वापसी
आकाश आनंद को पहली बार 2019 में बीएसपी का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया था और 2024 के लोकसभा चुनावों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी, लेकिन मई 2024 में सीतापुर में एक भाषण के चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ और इसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था.
मार्च 2025 में मायावती ने उन्हें पार्टी से निष्कासित करते हुए यह भी घोषणा की थी कि अब उनके जीवनकाल में बीएसपी का कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा. इसके साथ ही पार्टी ने राष्ट्रीय समन्वयक पद को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया था.
इस दौरान मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ के साथ अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि अशोक सिद्धार्थ के नेतृत्व में पार्टी में गुटबाजी चल रही थी. उसके बाद ऐसा लग रहा था कि अब आकाश आनंद का राजनीतिक करियर समाप्त हो गया.
सोशल मीडिया पर माफी से हुई नई शुरुआत
13 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर आकाश आनंद ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक सार्वजनिक माफीनामा जारी करते हुए कहा, मैं प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित में अपने रिश्तेदारों, विशेषकर ससुराल पक्ष, को पार्टी के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने दूंगा. इसके महज सात घंटे बाद मायावती ने उनकी माफी स्वीकार कर ली और उन्हें पार्टी में पुनः शामिल कर लिया.
सूत्रों के अनुसार, रविवार को आकाश आनंद द्वारा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के कुछ ही घंटों बाद मायावती ने उन्हें बीएसपी में फिर से शामिल करने का निर्णय लिया. हालांकि, उनकी वापसी इस शर्त पर हुई है कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करेंगे और अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव से पूरी तरह दूर रहेंगे.
मायावती ने अपने बयान में कहा, आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां माफ करने लायक नहीं हैं. उन्होंने गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों से आकाश के करियर को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सिद्धार्थ को पार्टी में वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
आकाश की वापसी में परिवार की अहम भूमिका
बताया जा रहा है कि आकाश की वापसी में उनके पिता और बीएसपी के उपाध्यक्ष आनंद कुमार की अहम भूमिका रही. उन्होंने मायावती को बेटे को एक और मौका देने के लिए राजी किया. बीएसपी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, लखनऊ में मायावती से मिलने वाले कई कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी आकाश के पक्ष में बात की और उन्हें एक योग्य युवा नेता बताया.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम बीएसपी में युवा नेतृत्व को उभारने और पार्टी की खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है. वहीं, आलोचकों का मानना है कि यह फैसला पार्टी में एक बार फिर परिवारवाद की वापसी का संकेत है. बीएसपी में आकाश आनंद की यह तीसरी पारी एक नई राजनीतिक दिशा की ओर इशारा करती है और आने वाले चुनाव में आकाश आनंद की भूमिका और भी अहम होने वाली है.
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