
सुप्रीम कोर्ट Image Credit source: Getty Images
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) को एक लड़की की अप्राकृतिक मौत की जांच के लिए एक डीआईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है. उनकी मौत तब हुई जब लड़की के परिवार ने उनके रिश्ते को लेकर दूसरे धर्म के एक लड़के पर हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई.
सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने लड़की के परिवार के सदस्यों की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध के लिए दायर आरोप पत्र से उत्पन्न होने वाली अय्यूब और अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए, यदि आवश्यक हो तो पुलिस को एफआईआर को फिर से दर्ज करने की स्वतंत्रता दी.
बेइज्जती से डरकर लड़की ने दी अपनी जान
गौरतलब है कि 3 नवंबर, 2022 को सहारनपुर के रामपुर मनिहारान पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार अपीलकर्ता लड़की के घर आए और उससे कहा कि तुम्हारी वजह से हमारा लड़का मर गया, तुम क्यों नहीं मर जाती? कुछ ही घंटों बाद गाली-गलौज और बेइज्जती से डरकर लड़की ने कथित तौर पर अपनी जान दे दी.
कई सवालों के नहीं मिल रहे जवाब
इस मामले में सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पुलिस अधिकारियों ने केवल शिकायतकर्ता और एक अन्य व्यक्ति के बयान दर्ज किए. जब हमने राज्य के वकील से बार-बार पूछा कि क्या किसी अन्य एंगल से जांच की गई थी, तो हमें केवल चुप्पी ही मिली. कोर्ट यह जानना चाहती थी कि क्या इसमें कुछ अधिक भयावह था. यदि यह आत्महत्या थी तो वास्तविक कारण क्या था? क्या मृतका अपने मित्र के साथ हुई घटना से व्यथित थी?
पीठ ने कहा कि आज हमारे पास कोई जवाब नहीं है. आज हमारे पास शिकायतकर्ता का एकतरफा बयान ही बचा है.
कोर्ट ने कहा कि केवल स्वतंत्र, गहन और व्यापक जांच से ही सच्ची कहानी सामने आ सकेगी.
15 अप्रैल को दोबारा होगी सुनवाई
7 फरवरी को अपने फैसले में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) को लड़की की अप्राकृतिक मौत के मामले की जांच के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया. पीठ ने दो महीने के भीतर सीलबंद लिफाफे में फिर जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने एसआईटी रिपोर्ट पर विचार के लिए मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल, 2025 तय की है.
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