लंदन। कोरोना महामारी के बाद ब्रिटेन में एक बेहद संक्रामक बिमारी ‘पर्टुसिस’ या वूपिंग कफ ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. इसके प्रभाव को देखते हुए ब्रिटेन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधान रहने को कहा है. इस बीमारी में सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं और फिर खांसी की समस्या होती है, जो तीन महीने या करीब 100 दिनों तक चलती है.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पर्टुसिस या वूपिंग कफ में मरीज के फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। हालांकि इसमें डरने वाली बात नहीं है. क्योंकि ये बीमारी नई नहीं है, यह बिमारी कोरोना महामारी के पहले से मौजूद है. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इस बीमारी के मामले घट गए थे क्योंकि उस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और लॉकडाउन भी था. अब चूंकि कोरोना महामारी का प्रकोप खत्म हो गया है तो फिर से पर्टुसिस के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं.
तेजी से बढ़ रहे मामले लेकिन वैक्सीन भी है उपलब्ध
ब्रिटेन की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने बताया कि पर्टुसिस के मामले हाल के दिनों में तेजी से बढ़ रहे है. इसी साल जुलाई से नवंबर के बीच देश में 716 मामले पर्टुसिस के पाए गए. पर्टुसिस बीमारी में मरीज के फेफड़ों और सांस की नली में संक्रमण हो जाता है. 50 के दशक में इस संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई थी लेकिन 1950 में इसकी वैक्सीन आने पर इसके मामले घट गए. अब बच्चों के साथ ही व्यस्कों में भी अब इस बीमारी के मरीज दिख रहे हैं. वहीं 100 दिनों तक खांसी के चलते मरीजों को हर्निया, पसलियों में दर्द, कान में संक्रमण और पेशाब में परेशानी जैसी समस्याएं हो रही हैं. हालांकि हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने ये स्पष्ट किया है कि इस बीमारी के लिए वैक्सीन उपलब्ध है और इससे बचाव संभव है.
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