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International yoga day : योग करने से पुरुषों के जेनिटिक रोग ठीक हो सकते हैं, जीन की गड़बड़ी से होने वाली बीमारियों से राहत

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Jun 21, 2025    150818 views     Online Now 483

करो योग, रहो निरोग. यह केवल स्लोगन नहीं है, यदि इसे जीवनशैली में शामिल कर लिया जाए तो कई तरह के गंभीर रोगों से मुक्ति हासिल की जा सकती है. योग न केवल कई गंभीर बीमारियों को दूर करने में सहायता करता है बल्कि इससे जेनेटिक दोष में भी राहत मिलती है. योग के साथ यदि कुछ औषधियों का भी सेवन किया जाए तो जेनेटिक बीमारियों को लगभग पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है.

योग आसनों से होने वाले लाभ को जान कर पूरी दुनिया चकित हुई है. जिसके चलते विश्व भर में 21 जून को योग डे मनाया जाने लगा है. योग कई असाध्य रोगों में भी सहायता करता है. कई रिसर्च भी बताती हैं कि योग करने से जेनेटिक रोगों में सकारात्मक लाभ मिलता है. जीन की गड़बड़ी से होने वाले गंभीर रोगों में भी इससे आराम मिलता है, बल्कि दावा तो यह भी किया जाता है कि यदि योग आसनों के साथ ही कुछ आयुर्वेदिक दवाओं का भी सेवन किया जाए तो जेनेटिक रोग बहुत हद तक ठीक भी हो सकते हैं.

जेनेटिक से हो सकती हैं ये बीमारियां

गाजियाबाद और हापुड़ के क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ. अशोक राना बताते हैं कि अनुवांशिक रोग एक बड़ी समस्या है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है. कुछ खास योगासन जीन रेगुलेशन को प्रभावित करते हैं और सकारात्मक सुधार करते हैं. जेनेटिक गड़बड़ी या उसके कारण से कैंसर, हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, मोटापा कैंसर, लंबाई में समस्या, थायराइड, लिवर की समस्या, डिप्रेशन आदि बीमारियां हो सकती हैं. इनमें से कई बीमारियों को कुछ खास आसनों के जरिए दूर किया जा सकता है. आयुर्वेदिक दवाओं के साथ योगासन करने से कुछ बीमारियां जड़ से भी खत्म हो सकती हैं.

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इन योगासनों से होगा लाभ

डॉ. राना बताते हैं कि मंडूक आसन से इम्यूनिटी मजबूत होती है और लिवर, किडनी हेल्दी रहते हैं. शशकासन से दिल के रोगियों को लाभ होता है. इसके साथ ही फेफड़ों, लिवर और आंतों को भी लाभ मिलता है. उष्ट्रासन से पूरा शरीर मजबूत रहता है. वक्रासन से डायबिटीज, तंत्रिका तंत्र को लाभ मिलता है. अर्ध मत्स्येंद्रासन से शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकलते हैं, रीढ़, लिवर, किडनी को लाभ होता है. गौमुखासन से सर्वाइकल में लाभ होता है. योग मुद्रासन से मानसिक शक्ति प्राप्त होती है. उत्ताम कूर्मासन से दमा, टीबी, कमर की मांसपेशियों, पेट की चर्बी और ब्लड शुगर में लाभ होता है. मर्कटासन कई रोगों से दूर रखता है. इनके अलावा पवनमुक्तासन, नौकासन, उत्तानपादासन भी कई रोगों में लाभदायक होते हैं. इनके अलावा प्राणायाम भी बहुत लाभकारी होते हैं.

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