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जमीन की कीमतें आखिर क्यों बढ़ रहीं धुंआधार? यहां आ जाएगा समझ

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Mar 15, 2025    150814 views     Online Now 360
जमीन की कीमतें आखिर क्यों बढ़ रहीं धुंआधार? यहां आ जाएगा समझ

बढ़ रही जमीन की कीमतें

रियल एस्टेट सेक्टर में हाल के सालों में जबरदस्त बूम देखा गया है. ना सिर्फ फ्लैट्स बल्कि जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. अगर आप भी अपने बजट में जमीन या प्लॉट नहीं खरीद पा रहे हैं, तो अब इसकी एक बड़ी सच्चाई सामने आ गई है. आखिर क्यों जमीन की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ रही हैं.

रियल्टी सेक्टर की एडवाइजरी फर्म जेएलएल इंडिया की एक रिपोर्ट आई है. ये रिपोर्ट यूं तो देश में रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी की बढ़ती डिमांड के बारे में बात करती है. लेकिन इसी के साथ एक अनोखे ट्रेंड को भी दिखाती है, जो साफ तौर पर जमीन की बढ़ती कीमतों की वजह के बारे में इशारा करता है.

डेवलपर्स खरीद रहे पहले से ज्यादा जमीन

जेएलएल इंडिया के मुताबिक देश में रियल एस्टेट डेवलपर्स की ओर से जमीन की डिमांड बढ़ी है. साल 2022 से 2024 के बीच रियल एस्टेट डेवलपर्स ने टोटल 90,000 करोड़ रुपये जमीन खरीदने में निवेश किये है. डेवलपर्स ने कुल 5,885 एकड़ जमीन को एक्वायर किया है.

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जेएलएल इंडिया के आंकड़ों से पता चला कि रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 2022 में 18,112 करोड़ रुपये में 1,603 एकड़ जमीन, 2023 में 32,203 करोड़ रुपये में 1,947 एकड़ जमीन खरीदी. जबकि 2024 में डेवलपर्स ने 39,742 करोड़ रुपये की लागत से 2,335 एकड़ तक जमीन खरीदी है. इस तरह 2022 से 2024 के बीच रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 90,057 करोड़ रुपये में 5,885 एकड़ जमीन खरीदी.

बड़ी बात ये है कि इस डेटा में सिर्फ रियल एस्टेट डेवलपर्स की सीधी खरीद शामिल है. जबकि देशभर में कई जगह पर डेवलपर्स और जमीन के मालिक कोलेब्रेशन में भी काम करते हैं. जमीन के इन सौदों को इस स्टडी में शामिल नहीं किया गया है. ये दिखाता है कि जमीन की डिमांड इंडिविजुअल्स ही नहीं, बल्कि डेवलपर्स की ओर से भी बढ़ी है जिसकी वजह से इसकी कीमतें बढ़ रही हैं.

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किस काम में कितनी जमीन होगी यूज?

जेएलएल इंडिया का कहना है कि 2024 भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अहम रहा है. देशभर में डेवलपर्स ने 23 प्रमुख शहरों में 2,335 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है. 2024 में खरीदी गई 81 प्रतिशत जमीन का यूज रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए होगा. बाकी जमीन को कमर्शियल पर्पज और मिक्स्ड यूज के लिए रखा जा सकता है. सबसे ज्यादा जमीन टियर-1 सिटीज में खरीदी गई. कुल जमीन में से बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन और पुणे जैसे शहरों का शेयर 72 प्रतिशत है. टियर II और III शहरों में टोटल 28 प्रतिशत जमीन हासिल की गई है और ये 662 एकड़ के बराबर है.

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