
प्रेगनेंसी में सुस्ती क्यों आती है?Image Credit source: Grtty Images
Constant fatigue in pregnancy: गर्भावस्था एक बहुत ही खास समय होता है, लेकिन इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं. इन्हीं बदलावों के चलते ज़्यादातर महिलाएं थकान, सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस करती हैं. कई बार ये थकान इतनी ज्यादा होती है कि पूरे दिन आराम करने के बाद भी शरीर थका-थका सा लगता है. यह एक आम समस्या है, लेकिन इसके पीछे मेडिकल कारण होते हैं जिन्हें समझना जरूरी है.
गर्भावस्था की शुरुआत से ही शरीर में कई बड़े बदलाव शुरू हो जाते हैं. सबसे पहले, शरीर में प्रोजेस्टेरोन नाम का हार्मोन बहुत तेजी से बढ़ता है. यह हार्मोन गर्भ को सुरक्षित रखने और बच्चे के विकास में मदद करता है, लेकिन इसका एक साइड इफेक्ट यह भी होता है कि इससे नींद ज़्यादा आती है और थकावट बनी रहती है. इसके अलावा भी कई तरह के बदलाव होते हैं जो शरीर में दिखने लगते हैं.
गर्भावस्था में थकान क्यों होती है
गर्भावस्था में थकान होने के कारणों के बारे में सफदरजंग अस्पताल में महिला रोग विभाग की डॉ. सलोनी चड्ढा ने बताया है.
1- अगर आप भी प्रेग्नेंसी के दौरान लगातार सुस्ती, कमजोरी और नींद महसूस कर रही हैं, तो जानिए इसके पीछे के मेडिकल कारण और थकान कम करने के उपाय. सही जानकारी और सावधानी से आप अपनी प्रेग्नेंसी को और भी सुरक्षित और आरामदायक बना सकती हैं. आइए समझते हैं कि गर्भावस्था में थकान क्यों होती है और कैसे इससे निपटा जा सकता है.
2- इसके अलावा, शरीर एक नए जीवन को पोषित करने के लिए अधिक खून बनाता है. इससे दिल और शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे थकान महसूस होती है. पहले तिमाही (3 महीने) में थकान सबसे ज्यादा होती है क्योंकि उस वक्त शरीर गर्भावस्था के अनुकूल खुद को ढाल रहा होता है.
3- गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की कमी (एनीमिया) भी थकान का एक बड़ा कारण हो सकता है. गर्भ में पल रहे शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए शरीर को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है. जब यह पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता, तो शरीर कमजोर और सुस्त महसूस करता है.
4- थकान का एक कारण नींद पूरी न होना भी होता है. गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव, बार-बार पेशाब आना, पीठ दर्द और बेचैनी जैसी चीजें अच्छी नींद में बाधा डालती हैं. जब नींद पूरी नहीं होती तो थकान स्वाभाविक है. कई बार तनाव और चिंता भी थकान को बढ़ा सकते हैं. मां बनने की जिम्मेदारी, बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंता, कामकाज और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ मानसिक थकावट का कारण बनती हैं.
इस थकान से कैसे निपटा जाए
1- सबसे पहला उपाय है कि जितना हो सके आराम करें और नींद पूरी लें. दिन में अगर जरूरत लगे तो थोड़ी देर की झपकी भी लेनी चाहिए. यह शरीर को फिर से ऊर्जा देने में मदद करता है.
2- संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है. आयरन, फोलिक एसिड, प्रोटीन और विटामिन्स से भरपूर खाना थकान कम करता है और शरीर को ताकत देता है. अगर डॉक्टर ने आयरन या मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स दिए हैं तो उन्हें नियमित रूप से लेना चाहिए.
3- हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, जैसे वॉक करना या प्रेग्नेंसी योगा, भी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है और थकान घटाता है. लेकिन कोई भी एक्सरसाइज डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें.
4- तनाव कम करने की कोशिश करें. इसके लिए मेडिटेशन, म्यूजिक थेरेपी या अपने करीबी लोगों से बात करना मददगार हो सकता है. मानसिक शांति से शरीर को भी आराम मिलता है.
5- अगर थकान हद से ज्यादा हो रही हो, साथ में चक्कर आ रहे हों, सांस लेने में दिक्कत हो रही हो या दिल तेज़ धड़क रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ये संकेत किसी गंभीर समस्या जैसे एनीमिया या थायरॉइड गड़बड़ी के हो सकते हैं.
6- गर्भावस्था के हर चरण में थकान की मात्रा अलग हो सकती है. पहले तिमाही में यह ज्यादा होती है, दूसरी तिमाही में थोड़ी राहत मिलती है और तीसरी तिमाही में फिर से वजन बढ़ने और नींद में कमी के कारण थकावट बढ़ सकती है.
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