• Tue. Jul 1st, 2025

कौन थे देश के पहले कथा वाचक, कैसे शुरू हुई परंपरा? इटावा विवाद से उठा सवाल

ByCreator

Jun 28, 2025    150815 views     Online Now 232
कौन थे देश के पहले कथा वाचक, कैसे शुरू हुई परंपरा? इटावा विवाद से उठा सवाल

देश में कथा सुनाने (वाचन) की परंपरा काफी पुरानी है, इसकी शुरुआत आदिकाल से मानी जाती है.

उत्तर प्रदेश के इटावा में ब्राह्मण परिवार में कथा करने पहुंचे यादव कथा वाचक से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कथा वाचक के यादव होने का पता चलने पर उसकी चोटी काट दी गई और सिर मुंडवा दिया गया. आरोप है कि कथा वाचक ने यजमान परिवार की महिला को गलत ढंग से छूने की कोशिश की थी. इसलिए महिला के पैर पर उससे नाक भी रगड़वाई गई. अब भी यह मामला तूल पकड़ रहा है.

आइए जान लेते हैं कि देश के पहले कथा वाचक कौन थे? कैसे शुरू हुआ कथा बाचने का चलन और क्या हमेशा ब्राह्मणों के पास रहा कथा वाचन का अधिकार?

महर्षि वेदव्यास थे पहले कथा वाचक

देश में कथा सुनाने (वाचन) की परंपरा काफी पुरानी है. इसकी शुरुआत आदिकाल से मानी जाती है. हालांकि, तब आजकल की तरह मंडप सजा कर कथा वाचने की परंपरा नहीं थी. किसी व्यक्ति विशेष को कोई कथा वाचक कथा सुनाते थे. प्रकृति के सबसे पहले और पुराने कथा वाचक महाभारत काल में महर्षि वेदव्यास थे, जिन्होंने प्रथम पूज्य गणेश को महाभारत की कथा सुनाई, जिसे उन्होंने लिपिबद्ध (लिखा) किया था.

पौराणिक कथाओं के अनुसार वेदव्यास गुरु वशिष्ठ के परपौत्र और महर्षि पराशर के पुत्र थे. उनकी मां का नाम सत्यवती था. जन्म के समय वेदव्यास जी श्याम वर्ण के थे, इसलिए इनका नाम कृष्ण रखा गया. यमुना नदी के द्वीप में जन्म के कारण इनको कृष्ण द्वैपायन भी कहा गया. इन्होंने ही वेदों का व्यास यानी विभाजन, विस्तार और सम्पादन किया. इसीलिए इनको वेदव्यास कहा गया. महर्षि वेदव्यास दुनिया में पहले ऐसे कथा वाचत हुए, जिन्होंने जिस ग्रंथ यानी महाभारत की रचना और वाचन किया, उसके एक पात्र भी वह खुद थे.

See also  महिला कर्मचारी ने लगाया जयपुर एयरपोर्ट के निदेशक पर शारीरिक उत्पीड़न का आरोप

वेदव्यास ने ब्रह्मा जी की आज्ञा से महाभारत की कथा भगवान गणेश को सुनाई थी और गणेश जी ने इसे लिखा था. इसीलिए व्यास जी किसी कथा के दुनिया के पहले आशुवक्ता (वाचक) कहे जाते हैं और गणेश जी को पहला आशुलिपिक माना जाता है. महर्षि वेदव्यास ने महाभारत के अलावा श्रीमद्भागवत की रचना भी की थी.

श्रीमद्भागवत कथा के पहले वाचक शुकदेवजी

हिंदू धर्म में श्रीमद्भागवत सुनना एक तरह से अनिवार्य है, विशेष रूप से चार धाम की यात्रा के बाद यह कथा सुनी जाती है. इसे सुनाने वाले को व्यास माना जाता है, क्योंकि पहले कथा वाचक महर्षि व्यास थे. जिस स्थान पर बैठ कर कथा वाचक कथा सुनाते हैं, उसे आज भी व्यासपीठ ही कहा जाता है. पहली बार श्रीमद्भागलत की कथा सुनाने वाले महर्षि वेदव्यास के पुत्र महर्षि शुकदेव थे. उन्होंने राजा परीक्षित को यह कथा सुनाई थी. कथा है कि इसके सुनने से राजा परीक्षित को मृत्यु के शाप से मुक्ति मिल गई थी. तभी से श्रीमद्भागवत कथा सुनने का प्रचलन हुआ और जीवन के अंतिम चरण में लोग यह कक्षा सुनकर मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं.

शुकदेव जी के जन्म के बारे में कई पौराणिक कथाएं मिलती हैं. एक कथा में बताया जाता है कि शुकदेव द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के अवतार के समय राधा के साथ खेलते थे. इन्हें भगवान शिव द्वारा महर्षि व्यास को दिया गया तप का वरदान भी बताया जाता है. एक अन्य कथा के अनुसार, जिस समय भगवान भोलेनाथ अमर कथा सुना रहे थे, तभी माता पार्वती को नींद आ गई. उनके स्थान पर वहां बैठे एक शुक ने कथा सुन कर हुंकार भरनी शुरू कर दी. इसका पता चलने पर शिवशंकर ने शुक को मारने के लिए त्रिशूल छोड़ दिया, जिससे बचने के लिए शुक तीनों लोकों में भागता रहा.

See also  भोपाल की सड़कों से गायब होंगे 11 हजार ई-रिक्शा! लगाम कसने की तैयारी

अंतत: शुक व्यास जी के आश्रम में पहुंचा और सूक्ष्म रूप धारण कर व्यास जी की पत्नी के मुंह से होकर उनके गर्भ में जाकर छिप गया. बताया जाता है कि 12 वर्ष तक गर्भ में रहने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने खुद शुक को आश्वासन दिया कि बाहर आने पर उस पर माया का प्रभाव नहीं पड़ेगा, तो वह माता वटिका के गर्भ से बाहर आया. इस तरह से वह महर्षि व्यास के पुत्र बने. शुकदेव जी ने अपने पिता वेदव्यास जी से ही श्रीमद् भागवत का ज्ञान हासिल किया था और उन्हीं से महाभारत पढ़ी थी, जिसे बाद में देवताओं को भी सुनाया था.

महर्षि वाल्मीकि ने सुनाई रामायण

संसार के पहले श्लोक और रामायण की रचना करने वाले महर्षि वाल्मीकि का असली नाम रत्नाकर था. कथा है कि महर्षि वाल्मीकि पहले डाकू थे पर नारद मुनि के संपर्क में आने के बाद राम भक्त बन गए. एक बार एक बहेलियो को क्रोंच पक्षी का शिकार करते देख उनके मुंह से खुद-ब-खुद एक श्लोक निकल गया. इसके बाद ब्रह्मा जी प्रकट हुए और उनको श्लोकों में ही श्रीराम के चरित्र का वर्णन करने के लिए कहा. इसके बाद ही महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की और उसे सुनाया.

भक्त कवियों ने भी अपनी रचनाओं में सुनाई कथा

मध्यकाल में कई ऐसे भक्त कवि हुए, जिन्होंने अपनी-अपनी रचनाओं के जरिए अपने-अपने आराध्य की कथाएं सुनाईं. इन्हीं में से एक थे कबीर. 15वीं सदी में बनारस में हुए कबीर के शबद और साखी आज भी गाए-पढ़े जाते हैं. 16वीं सदी में हुईं मीराबाई संत और कवयित्री थीं, जिनके लिखे कृष्ण भक्ति के गीत आज भी गाए जाते हैं. ऐसे ही 16वीं शताब्दी में ही संत कवि तुलसीदास हुए, जिन्होंने श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए अवधी में महाकाव्य की रचना की, जिसे रामचरित मानस के नाम से जाना जाता है. सूफी संत कवियों ने भी अपनी रचनाओं से समाज को प्रभावित किया. 14वीं शताब्दी में हुए हजरत निज़ामुद्दीन औलिया का सूफी कविता के साथ ही संगीत के विकास पर भी बड़ा प्रभाव था.

See also  Sagittarius Rashifal 26 April: धनु राशि वालों को करना होगा परेशानियों का सामना, कार्य के प्रति रहें सतर्क | Aaj Ka Dhanu Rashifal 26 April 2024 Friday Sagittarius Horoscope Today Prediction

जहां तक कथा वाचन पर ब्राह्मणों का अधिकार होने की बात है तो प्राचीन काल में किसी की जाति उसके कर्मों पर निर्भर करती थी. कोई किस जाति के परिवार में जन्मा है, इसका कोई मतलब नहीं होता था. व्यक्ति जो काम करता था, उससे उसकी जाति तय होती थी. पठन-पाठन और पुरोहित-कथावाचन जैसे काम करने वाले ही ब्राह्मण यानी विद्वान कहे जाते थे.

यह भी पढ़ें: क्या होती है OTT वेडिंग, जेफ बेजोस और लॉरेन की यह शादी कितनी खास?

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

Related Post

‘मैं तुमसे शादी नहीं करूंगा, मरना हो तो मर जाओ’… इतना सुनते ही दुल्हन ने फांसी लगाकर दे दी जान
रानी चटर्जी का डांस देख आम्रपाली ने कहा ‘आवतनी’, वीडियो देखकर फैंस भी बोले-आप तो कमाल हो…
Today’s Top News : रायपुर में दर्दनाक हादसे में 3 लोगों की मौत, CBI ने 3 डॉक्टरों समेत 6 लोगों को किया गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी नहीं कर पाएंगे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग, कांग्रेस विधायक समेत 12 लोगों पर FIR दर्ज, उफनते नाले में बेटे के साथ बही महिला… समेत पढ़ें दिनभर की प्रमुख खबरें
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You missed

Today’s Top News : रायपुर में दर्दनाक हादसे में 3 लोगों की मौत, CBI ने 3 डॉक्टरों समेत 6 लोगों को किया गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी नहीं कर पाएंगे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग, कांग्रेस विधायक समेत 12 लोगों पर FIR दर्ज, उफनते नाले में बेटे के साथ बही महिला… समेत पढ़ें दिनभर की प्रमुख खबरें

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL