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Wayanad landslides dyfi pork challenge in kerala islamic scholar criticises | आपदा के बाद वायनाड में ‘पोर्क चैलेंज’ से आई मुसीबत, जानें क्यों मच गया हंगामा?

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Aug 19, 2024    150852 views     Online Now 376
आपदा के बाद वायनाड में 'पोर्क चैलेंज' से आई मुसीबत, जानें क्यों मच गया हंगामा?

वायनाड में पोर्क चैलेंज पर बवाल

केरल के वायनाड में भूस्खलन ने तबाही मचाकर रख दी थी, जिसकी घाव अभी तक भरे नहीं हैं. लोग राहत शिवरों में अपने रात-दिन गुजार रहे हैं और न जाने कितनी जिंदगियां तबाह हो गईं. कई का तो अभी भी पता नहीं लग सका है. इस बीच वायनाड में एक नए मामले को लेकर बवाल मच गया है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बंटोरी है. ये मामला पोर्क चैलेंज यानी सुअर के मांस के सेवन की चुनौती को लेकर है. इसका मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं और उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है.

दरअसल, हाल ही में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद पुनर्वास प्रयासों में सरकार की मदद करने के लिए केरल में अपने कई फंड जुटाने वाले कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में पोर्क चैलेंज दे रहा है. बीते दिन डीवाईएफआई ने कोठामंगलम में पोर्क चैलेंज का आयोजन किया, जिसके बाद मुस्लिम संगठन समस्थ केरल जाम-इयातुल कुतबा समिति ने इसे ईशनिंदा करने वाला बताया.

‘कई पीड़ित पोर्क खाने को वर्जित मानते हैं’

समस्थ केरल जाम-इयातुल कुतबा समिति के एक प्रमुख नेता नासर फैजी कूडाथाई ने केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के पोर्क चैलेंज की आलोचना की. नासर फैजी कूडाथाई ने कहा, ‘वामपंथी संगठन ‘चैलेंज’ के नाम पर ईशनिंदा करने की कोशिश कर रहा है.’ नासर फैजी ने एक फेसबुक पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि कई पीड़ित पोर्क खाने को वर्जित मानते हैं, लेकिन डीवाईएफआई इसे पीड़ितों का अपमान करने के लिए चैलेंज के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.

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डीवाईएफआई के राज्य सचिव वी के सनोज ने कूडाथाई के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नासर फैजी जैसे लोग आरएसएस की दूसरी आवाज बन रहे हैं. सनोज ने कहा, ‘केरल इसे समझेगा. क्या हमने किसी को सूअर का मांस या गोमांस खरीदने के लिए मजबूर किया? वे सिर्फ सूअर के मांस के चैलेंज के बारे में क्यों चिंतित हैं? यह उनके सांप्रदायिक राजनीतिक एजेंडे के कारण है. केरल का समाज ऐसे सांप्रदायिक तत्वों को स्पष्ट रूप से समझेगा.’

‘सूअर के मांस का बहुत बड़ा बाजार’

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डीवाईएफआई कोठामंगलम उत्तर स्थानीय समिति के सचिव रंजीत का कहना है कि ये चैलेंज सफल रहा है और उन्होंने 375 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 517 किलो सूअर का मांस बेचा है. उन्होंने कहा, ‘हम वायनाड में बचे लोगों के लिए धन जुटाने के लिए कई चैलेंज और फेस्टिवल्स का आयोजन कर रहे हैं. यहां सूअर का मांस बेचने के नाम पर किसी ने कोई दिक्कत खड़ी नहीं की है. वायनाड में सूअर के मांस का बहुत बड़ा बाजार है और हमने इन सभी फेक्टर्स पर विचार करने के बाद इस चुनौती को दिया है.’

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