• Sun. Nov 3rd, 2024

Vitamin B12 Deficiency: विटामिन बी12 की कमी से हो सकती है गंभीर समस्याएं, जानिए क्या हैं लक्षण और कैसे करें दूर…

ByCreator

Jul 10, 2024    150851 views     Online Now 132

Vitamin B12 Deficiency: शरीर के लिए कई तरह के विटामिंस महत्वपूर्ण हैं. इन्हीं में से एक है विटामिन बी12. इस विटामिन की शरीर को एनर्जी प्रोडक्शन, डीएनए सिंथेसिस, सेंट्रल नर्वस सिस्टम फंक्शन, रेड ब्लड सेल्स को बनाने आदि के लिए जरूरी होता है. उम्र के साथ विटामिन बी12 को फूड से एब्जॉर्ब करने की क्षमता कम होने लगती, ऐसे में इसकी कमी बुजुर्गों में कॉमन है. इसका ये मतलब नहीं कि बच्चों, वयस्कों, गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी नहीं हो सकती है.

बता दें, विटामिन बी12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency) के कारण जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स नहीं बनते हैं तो बॉडी में खून की कमी हो जाती है. इस कारण आप एनीमिया से ग्रस्त हो सकते हैं. चूंकि, ये विटामिन शरीर में नहीं बनता है इसलिए इसकी पूर्ति कुछ फूड्स और सप्लीमेंट्स से की जाती है. विटामिन बी12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency) के कारण शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं. इन लक्षणों को समय पर पहचान लेना कई समस्याओं से बचे रहने के लिए बेहद जरूरी है.

एनीमिया से ग्रस्त हो सकते (Vitamin B12 Deficiency)

यदि आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency) है तो आप एनीमिया से ग्रस्त हो सकते हैं. हालांकि, इसकी कमी शरीर में बहुत माइल्ड है तो आपको कोई लक्षण नजर नहीं आएगा, लेकिन अधिक कमी होने से आपको निम्न प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं. ये दिखें तो आप डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

बी-12 की कमी के लक्षण

  • तंत्रिका क्षति (nerve damage)
  • कमज़ोरी और थकान
  • हाथों और पैरों में झुनझुनी (tingling in the hands and feet)
  • सुन्नता (numbness)
  • धुंधला दिखाई देना
  • बुखार
  • पसीना आना
  • चलने में कठिनाई
  • पाचन तंत्र की समस्याएं
  • जीभ में दर्द या मुँह के छाले
  • सांस फूलना
  • बेहोशी या चक्कर आना
  • अवसाद (depression)
  • मूड में उतार-चढ़ाव (mood swings)
  • याददाश्त, निर्णय और समझ में कमी ()
  • त्वचा का पीला पड़ना
  • भूख न लगना
  • टिनिटस (कानों में बजने, भिनभिनाने या फुफकारने जैसी आवाज सुनाई देना).
See also  मैं साइला बानो से शादी करूंगा...जब संजय दत्त ने दिलीप कुमार की पत्नी को किया था प्रपोज | Sanjay Dutt Wanted Marry to Saira Banu Dilip kumar wife revealed on his birthday

विटामिन बी12 फूड सोर्स

विटामिन बी 12 आपको कई खाद्य पदार्थों से प्राप्त हो सकता है. आप एनिमल फूड्स से इसे प्राप्त कर सकते हैं. इसमें डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडा, मछली, मीट, चिकन आदि का सेवन कर सकते हैं. साथ ही ब्रोकली, सोयाबीन, दही, मशरूम में भी ये काफी होता है.

शाकाहारियों के लिए विटामिन B12 के विकल्प:

  • दही
  • कम वसा वाला दूध
  • फोर्टिफाइड प्लांट-बेस्ड दूध
  • पनीर
  • अंडे
  • फोर्टिफाइड अनाज
  • पोषण संबंधी खमीर (Nutritional yeast)
  • मशरूम

जानिए इन खाद्य पदार्थों में कितना विटामिन बी-12 होता है:

  • 8 औंस (ऑउंस) दही में लगभग 1.1 mcg विटामिन बी-12 होता है.
  • 1 कप कम वसा वाला दूध 1.2 mcg विटामिन बी-12 प्रदान कर सकता है.
  • 1 औंस स्विस चीज़ में 0.95 mcg विटामिन बी-12 हो सकता है.
  • 1 बड़े अंडे में 0.6 mcg विटामिन बी-12 होता है.

फोर्टिफाइड अनाज एक अच्छा विकल्प है क्योंकि उनकी जैव उपलब्धता अधिक होती है. इसका मतलब है कि शरीर द्वारा इसे अवशोषित करने से पहले विटामिन बी-12 को टूटने की ज़रूरत नहीं होती है. इसके अलावा Nutritional yeast (पोषण खमीर) को व्यंजनों में शामिल करना आसान है और इसका स्वाद भरपूर, पनीर जैसा और अखरोट जैसा होता है. Nutritional yeast को पके हुए भोजन में मिलाया जा सकता है या भोजन और नाश्ते पर छिड़का जा सकता है.

चूँकि कुछ शाकाहारी सभी पशु-व्युत्पन्न उत्पादों से परहेज करते हैं, लेकिन पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थ विटामिन बी-12 का उत्पादन नहीं करते. इसलिए यह ज़रूरी है कि शाकाहारी लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए विटामिन बी12 के वैकल्पिक स्रोत का सेवन करें.

See also  MP सुबह की सुर्खियां: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तीन महत्वपूर्ण बैठक आज, कमलनाथ आज लेंगे शपथ, प्रहलाद पटेल का विदिशा दौरा, CM मोहन भोपाल संभाग की लेंगे बैठक

जानिए क्या हैं विकल्प

  • फोर्टिफाइड नॉन-डेयरी दूध
  • मांस के विकल्प
  • नाश्ते के अनाज
  • पोषण खमीर
  • शाकाहारी स्प्रेड

जिन लोगों में पहले से ही बी-12 की कमी है, उन्हें कैप्सूल या इंजेक्शन के रूप में पूरक बी-12 की ज़रूरत हो सकती है.

व्यक्ति की आयु पर निर्भर करता है B-12:

  • वयस्क और किशोर: 2.4 माइक्रोग्राम (एमसीजी) प्रति दिन
  • 9 से 13 वर्ष की आयु के बच्चे: 1.8 एमसीजी प्रति दिन
  • 4 से 8 वर्ष की आयु के बच्चे: 1.2 एमसीजी प्रति दिन
  • 1 से 3 वर्ष की आयु के बच्चे: 0.9 एमसीजी प्रति दिन
    7 से 12 महीने की आयु के शिशुओं को प्रति दिन 0.5 एमसीजी बी-12 की आवश्यकता होती है, और 6 महीने से कम आयु के शिशुओं को प्रति दिन केवल 0.4 एमसीजी की आवश्यकता होती है.
    गर्भवती महिलाओं को 2.6 एमसीजी की आवश्यकता होती है, जबकि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 2.8 एमसीजी की आवश्यकता होती है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x