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विकास के मुंह पर तमाचा ! जब रोटी-बेटी के संबंधों में रोड बनी रोड़ा, फिर ग्रामीणों के पैसे से बनी सरकारी सड़क, पढ़िए बदहाली के 200 गड्ढों की कहानी…

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Jan 16, 2023    150827 views     Online Now 248

पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। धूरूवापारा से चंदाहन्दी ब्लॉक को जोड़ने वाली मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़क 3 साल से जर्जर अवस्था में है. ढाई किलो मीटर के सड़क में 200 से ज्यादा गड्ढे ऐसे बन गए थे, जहां दुपहिया चलना मुश्किल हो चुका था, जिसे शनिवार को ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से मरम्मत कर आने जाने लायक बना दिया है. अब इस सड़क में आने वाले बरसात माह तक वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सकेगी.

12 ट्रैक्टर, 250 ट्रिप मुरम को 9 घंटे पाटने में लगे

स्थानीय निवासी नरेश कुमार सिन्हा ने बताया कि ओडिशा और हमारे क्षेत्र से रोजाना डेढ़ हजार लोग इस रास्ते से गुजरते हैं. तीन दिन पहले ही आपस में बैठकर सड़क मरम्मत पर विचार किए. तय हुआ कि जिनके पास ट्रैक्टर और मशीनें हैं, वह इस काम में निशुल्क लगाएगा. इसमें खर्च होने वाले डीजल के लिए धुरूपथरा के गणमान्य और चौक में दुकान चलाने वालों ने 2 हजार से लेकर 3 हजार तक नगद देने में सहमत हुए.

शनिवार की सुबह काम शुरू किया गया. मेरी फोकलेन मशीन थी, जिसे डीजल भर कर मैंने मुरम खुदाई में लगाया. दिनेश सिन्हा ,तरुण सिन्हा ,कानेशावर माँझी कुंदन नागेश , हाडु राम यादव , नित्या नंद नायक , तुला राम नागेश , लंबोधर नेताम , भीष्म सिन्हा , गुँधर नागेश ,केशबो सिन्हा ,बिघनेश्वर नायक ने अपना ट्रैक्टर लगाया.

डीज़ल के लिए घनाराम कश्यप , मुन्ना दड़सेना , पुस्तम नायक , कोमल मरकाम ,गजेंद्र साहू, चंदू नागेश दिगम्बर सिन्हा ने नगद दिया. अन्य लोगों ने भी नगद और श्रम दान किया. लगभग 9 घण्टे लगातार काम कर सड़क के गड्ढों में मुरम पाटकर उसे आवाजाही लायक बनवाया.

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संबंधों में रोड़ा बनने लगी थी खराब सड़क

ग्रामीण घनाराम कश्यप ने बताया कि इस ढाई किमी सड़क के बाद ओडिशा के नवरंगपुर जिला लग जाता है. 12 किमी दूरी पर स्थित चन्दा हांडी ब्लॉक के ज्यादातर गांव में हमारे ब्लॉक के ग्रामीणों का रोटी बेटी का सम्बंध है. ऐसे में अक्सर पास के गांव में आना जाना लगा रहता है. विगत 3 वर्षों से सड़क की हालत बहुत खराब हो गई.

सगे सम्बन्धी मेहमान बन कर आते वक्त दुर्घटना के भी शिकार हो जाते थे. खराब सड़क का असर रिश्तेदारी में झलकने लगी थी. हमारे ब्लॉक से गए बेटियों को खराब सड़कों के कारण ताना भी सुनना पड़ता था. आए दिन सड़क के चलते मनमुटाव की चर्चा बढ़ रही थी. विगत 3 साल में ग्रामीणों ने विभिन्न शिविर और मौकों पर सड़क मरम्मत की मांग 20 बार से ज्यादा कर चुके थे. इसलिए वे सड़क मरम्मत का निर्णय लिया.

रिनिवल का प्रस्ताव भेजा

सड़क की काम देख रेख करने वाले विभाग पीएमजीएसवाय के इंजीनियर सौरभ दास ने कहा कि 8 साल पहले सड़क बनाई गई थी. 3साल की गारंटी अवधि भी खत्म हो गई. मरम्मत का प्रपोजल बनाकर कई बार भेजा गया. सड़क रिनिवल के लिए सवा करोड़ का इस्टीमेट भी भेजा गया है. मंजूरी मिलते ही विभाग की ओर से काम कराया जाएगा.

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