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कबीरधाम के सरेंडा में डायरिया से नहीं हुई 3 ग्रामीणों की मौत… जांच टीम ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट | Villagers did not die due to diarrhea in Sarenda Investigation team submitted report to the collector

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Jul 21, 2024    150840 views     Online Now 389
कबीरधाम के सरेंडा में डायरिया से नहीं हुई 3 ग्रामीणों की मौत... जांच टीम ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट

जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे

छत्तीसगढ़ में कबीरधाम के बोडला विकासखंड के सरेंडा में तीन ग्रामीणों की मौत की वजह दूषित जल या डायरिया नहीं है. तीन ग्रामीणों की मृत्यु का कारण अलग-अलग है और एक ग्रामीण महिला की मृत्यु रायपुर डॉ भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में हुई है. जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने गुरूवार को अपनी जांच रिपोर्ट में ये दावा किया है.

कलेक्टर जनमेजय महोबे को सोनवाही गांव के आश्रित पारा-टोला सरेंडा में तीन ग्रामीणों की मृत्यु की सूचना मिली थी. जिसके बाद कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग, पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी बोडला के साथ सरेंडा गांव का दौरा किया. उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और मौत की वजह जानने की कोशिश की.

कैसे हुई ग्रामीणों की मौत?

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणों की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर ग्राम सरेंडा का भ्रमण कर मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई. पूछताछ में बताया गया कि मृतक पनकिन बाई पति नन्हुआ सिंह 75 वर्ष की थी. वह सरेंडा की निवासी थी. पिछले कुछ सालों से लकवा से ग्रसित थी, जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ थी. धीरे-धीरे शारीरिक कमजोरी बढ़ने से 14 जुलाई को दोपहर को उनकी घर पर ही मृत्यु हो गई. मृत्यु के समय उन्हें किसी भी प्रकार के अन्य बीमारी जैसे उल्टी-दस्त अथवा बुखार नहीं था.

मृतक सोमबाई पति सुमेर सिंह बैगा का उम्र 70 वर्ष की थी. पिछले दो साल से लकवा ग्रस्त थी. उसे खाना खाने में बहुत तकलीफ हो रही थी. पिछले 20 दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी. ग्रामीणों के मुताबिक 17 जुलाई को दोपहर 3 बजे उनकी मृत्यु हो गई. मृत्यु के समय उन्हें किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी जैसे उल्टी-दस्त अथवा बुखार नहीं था.

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मृतक अनिता बैगा पिता महा सिंह उम्र 29 वर्ष की थी. वह 6 माह की गर्भवती थी. उन्हें उल्टी-दस्त बुखार एवं रक्त स्त्राव की समस्या के साथ 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया. स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उसी दिन उन्हें जिला अस्पताल कवर्धा में रेफर किया गया. जिला अस्पताल में उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण उसे डॉ भीम राव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में भर्ती किया गया. उपचार के दौरान 17 जुलाई को उनकी मृत्यु हो गई.

उनकी मृत्यु का कारण डायरिया या उल्टी दस्त नहीं हैं. उनकी मृत्यु का कारण सेप्टीक शॉक विथ एक्यूट किडनी इन्ज्यूरि विथ सर्वेयर मेटाबूलिक एसिडोसिस एण्ड एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेराइटिस विथ आईयूडी बताया गया है.

गांव में स्वास्थ्य परीक्षण शुरू

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि ग्राम सरेंडा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले 14 जुलाई से 17 जुलाई तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी महिला-पुरूष एवं बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. यह परीक्षण आगे भी चलता रहेगा. स्वास्थ्य परीक्षण में ग्रामीणों को उनके स्वास्थ्य के आधार पर दवाई दी जा रही है. सरेंडा गांव और आसपास के सभी क्षेत्रों में बोडला एसडीएम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीएमओ द्वारा लगातार दौरा किया जा रहा है.

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