अनुप्रिया पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ.
यूपी सरकार का नजूल जमीन विधेयक विधान परिषद में फंस गया है. विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के भी कई विधायक इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं. बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि ये एक गैर जरूरी और आम जनता की भावनाओं के खिलाफ विधेयक है. उन्होंने मांग की है कि इसे राज्य सरकार को वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने इस मामले में अधिकारियों पर सरकार को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है.
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि नजूल भूमि संबंधी विधेयक (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक, 2024 को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को आज भेज दिया गया है. व्यापक विमर्श के बिना लाए गए विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि यह विधेयक न सिर्फ गैरजरूरी है बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है. इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
भूपेंद्र चौधरी ने प्रवर समिति को भेजने का अनुरोध किया
विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने इस विधेयक का विरोध किया तो प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी भूपेंद्र चौधरी ने परिषद में खड़े होकर इस बिल के कई प्रविधानों पर असहमति की वजह से प्रवर समिति को भेजने का अनुरोध किया, जिसे सभापति ने मंजूर कर लिया है. प्रवर समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
100 सदस्यीय सदन में बीजेपी के 79 सदस्य
राज्य विधान परिषद के 100 सदस्यीय सदन में बीजेपी के 79 सदस्य हैं. ऐसे में इस विधेयक को पारित नहीं किया जाना खासा अहम माना जा रहा है. विधानसभा में बुधवार को इसे पारित किए जाने से पहले सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने इसमें संशोधन की जरूरत बताई थी. हालांकि बाद में इसे ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया गया था.
ये विधेयक ध्वनि मत से पारित हुए
इसके अलावा सदन में यूपी निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक, यूपी निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) विधेयक, यूपी ंनिजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, यूपी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक भी पेश किए गए, जिन्हें ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया गया था.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश एससीआर (राज्य राजधानी क्षेत्र) और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, यूपी नोडल विनिधान रीजन विनिर्माण (निर्माण) क्षेत्र विधेयक, बोनस संदाय (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश विनियोग (2024-2025 का अनुपूरक) विधेयक भी पेश किए गए थे. इन्हें ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था.
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