
फोर्डो परमाणु संयत्र पर हमले के दौरान की सैटेलाइट इमेज
अमरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है. इस बड़े हमले के बाद परमाणु साइट्स पर तबाही देखने को मिली है. हमले की जानकारी 22 जून की सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी और अपने सैनिकों की तारीफ की. साथ ही साथ कहा कि ऐसा दुनिया में कोई नहीं कर सकता है. अमेरिका ने अपने हमले में फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. इस बीच फोर्डो परमाणु प्लांट पर हमले की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं.
कॉमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी से पता नहीं चल सका है कि ईरान का फोर्डो परमाणु प्लांट जमीन के अंदर पूरी तरह तबाह हुआ भी है या नहीं. दरअसल, अमेरिका दावा कर रहा है कि प्लांट को नष्ट कर दिया गया है. एक पूर्व यूएन परमाणु निरीक्षक डेविड अलब्राइट ने मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बंकर-बस्टिंग बमों का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका ने बमों के जरिए प्लांट को छेद दिया. मैं उम्मीद करता हूं कि प्लांट को नुकसान पहुंचा होगा. विड अलब्राइट विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान के भी प्रमुख हैं.
सैटेलाइट तस्वीरों से आकलन मुश्किल
वहीं, सीएनए कॉरपोरेशन के सहयोगी शोधकर्ता डेकर एवेलेथ, जो सैटेलाइट इमेजरी में विशेषज्ञ हैं ने बताया कि जमीन के अंदर तबाही की पुष्टि नहीं की जा सकी. उन्होंने कहा कि सैकड़ों सेंट्रीफ्यूज वाला हॉल बहुत गहराई में दबा हुआ है, इसलिए सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर नुकसान के स्तर का आकलन करना हमारे लिए संभव नहीं है.
ईरान का फोर्डो परमाणु प्लांट पहाड़ों के बीच में है, जोकि जमीन के अंदर बना हुआ है. सैटेलाइट इमेज में छह छेद दिखाई देते हैं, जहां बंकर-बस्टिंग बम पहाड़ में घुस गए. हालांकि जमीन पर के ऊपर तबाही तो दिखती है और पूरा इलाका धूल से ढका हुआ है.
क्या ईरान ने हमले से पहले छिपा दिया था यूरेनियम?
कई विशेषज्ञों ने ये भी आगाह किया कि ईरान हमले से पहले संभवत वेपन-ग्रेड के उच्च संवर्धित यूरेनियम का भंडार फोर्डो से बाहर ले गया होगा और उसे ऐसे स्थानों पर छिपाया होगा जिनके बारे में इजराइल, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निरीक्षकों को जानकारी नहीं है. विशेषज्ञों ने मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट इमेजर देखी हैं, जिसमें गुरुवार और शुक्रवार को फोर्डो में “असामान्य गतिविधि” दिखाई दी थी. फॉर्डो प्लांट के एंट्री दरवाजे के बाहर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थीं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ ईरानी सूत्र ने रविवार को बताया कि अमेरिकी हमले से पहले वेपन-ग्रेड 60 फ्रीसदी अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम का अधिकांश हिस्सा अज्ञात स्थान पर ले जाया गया था.
मॉन्टेरी में मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के जेफरी लुईस ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि आप बहुत आत्मविश्वास के साथ कुछ कर सकते हैं, सिवाय इसके कि उनके परमाणु कार्यक्रम को शायद कुछ सालों के लिए पीछे जरूर धकेल सकते हैं. निश्चित रूप से ऐसी फैसेलिटी हैं जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं है.’
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