
अमेरिका के फाइटर जेट-F-15EX जापान के कडेना एयरबेस पहुंचे हैं.Image Credit source: Socialmedia
ताइवान से युद्ध की तैयारी कर रहे चीन को तगड़ा झटका लगा है. अमेरिका ने चीन के पड़ोस में अपने फाइटर जेट तैनात कर दिए. ये F-15EX लड़ाकू विमान जापान के ओकिनावा स्थित कडेना एयरबेस में पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका ने क्षेत्र में बढ़ रहे चीन के दबदबे को चुनौती देने के लिए ये कदम उठाया है. हालांकि अमेरिकी वायुसेना की 18वीं विंग की ओर से ये कहा गया है कि वह कडेना में सिर्फ एकजुटता और ट्रेनिंग के लिए पहुंचे हैं.
अमेरिका ने यह कदम ठीक ऐसे समय में उठाया है कि जब चीन लगातार ताइवान के खिलाफ सैन्य आक्रामकता दिखा रहा है. इसके अलावा पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में भी ड्रैगन की सैन्य उपस्थिति लगातार बढ़ रही है. ताइवान की ओर से भी आशंका जताई गई है कि चीन उस पर हमले की तैयारी कर रहा है. ऐसे में अमेरिकी फाइटर जेट का जापान पहुंचना चीन से निपटने की तैयारी में पहले कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
क्यों अहम हैं अमेरिका के फाइटर जेट
जापान के ओकिनावा द्वीप के दक्षिण पश्चिमी तट पर कडेना एयरबेस है. यह अमेरिका के लिए रणनीतिक वायु शक्ति केंद्र माना जाता है. यह युद्ध की स्थिति में चीन की गतिविधियों पर नजर रखने और उसे कंट्रोल करने के लिए अमेरिका का कमांड सेंटर भी बन सकता है. सबसे खास बात ये है कि यह एयरबेस ताइवान के सबसे नजदीकी एयरबेस में हैं. इससे कडेना का सामरिक महतव बढ़ जाता है.
पुराने जेट्स की जगह लेगा F-15EX
अमेरिका के 48 F-15C/D फाइटर जेट कडेना एयरबेस पर पहले से तैनात हैं, अमेरिका की योजना है इन्हें हटाकर 36 नए F-15EX फाइटर जेट तैनात किए जाएं.ये जेट अपने साथ अधिक से अधिक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें अपने साथ ले जा सकते हैं, जो हाईटेक एवियोनिक्स तथा हथियार प्रणालियों से लैस हैं. अमेरिकी वायुसेना की 18वीं विंग के मुताबिक फिलहाल ये जेट प्रशिक्षण पर आए हैं, ताकि 2026 में इनकी स्थायी तैनाती करने से पहले कर्मियों को पूरी तरह से तैयार किया जा सके.
ये फाइटर जेट पहुंचे कडेना
जापान के विमान स्पॉटर द्वारा शेयर की गई तस्वीरों तथा मीडिया रिपोर्ट की मानें तो शनिवार को कडेना एयरबेस पर अमेरिका के चार लड़ाकू विमान पहुंचे हैं. इनमें 2 F-15EX, 1 F-15E, F-16C विमान हैं जो फ्लोरिडा के एग्लिन एयरफोर्स बेस से भेजे गए हैं. 18वीं विंग के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल निकोलस इवांस ने कहा है कि यह तैनाती सिर्फ इसलिए की गई ताकि हम अपने मिशन में निर्बाध रूप से शामिल कर सकें और क्षेत्र में आवश्यक वायु शक्ति को बनाए रख सकें. उन्होंने कहा कि अमेरिका का मिशन है क्षेत्रीय आक्रामकता को रोकना और सहयोगियों को आश्वस्त करना. अगर जरूरत पड़ेगी तो अमेरिका जापान की भी रक्षा करेगा.
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