Uppcs J परीक्षा में हुई धांधली
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी हुई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में आयोग ने गड़बड़ी की बात स्वीकार कर ली है. आयोग ने हाई कोर्ट में जानकारी दी है कि रिजल्ट तैयार करने वाले पांच अधिकारियों को दोषी मानते हुए तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. आयोग ने पचास अभ्यर्थियों की कॉपियों की अदला-बदली की बात कबूल करते हुए हाई कोर्ट को बताया कि 25-25 कॉपियों के दो बंडल बदल गए थे और इसी वजह से उन पर गलत कोडिंग हो गई थी.
आयोग ने इस मामले में जांच करते हुए 5 अधिकारियों को दोषी पाया, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. 3 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. एक अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है, जबकि रिटायर्ड हो चुकीं सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है. आयोग ने रिजल्ट तैयार करने में लापरवाही बरतने के मामले में अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नेहा शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को सस्पेंड कर दिया है. वहीं, उप सचिव सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है.
आयोग ने मानी मानवीय भूल
यूपी लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने दावा किया है कि कॉपियों में मानवीय भूल हुई है उनके बंडल में गलत कोडिंग हो गई. आयोग ने हाई कोर्ट को बताया कि भविष्य में इस तरह की दोबारा गलती न हो इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. बदली गई सभी कॉपियां इंग्लिश की थीं और ये 100 नंबर का पेपर था.
अब नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों का क्या होगा?
याची श्रवण पांडेय के अधिवक्ता विभु राय का कहना है कि आयोग 302 पदों पर भर्तियां कर चुका है और सभी को नियुक्तियां भी मिल गई हैं. ऐसे में अब हाई कोर्ट ने आयोग से सवाल किया है कि जिन अभ्यर्थियों की कोडिंग की वजह से कॉपियों में अदला-बदली हुई है उनके रिजल्ट का क्या होगा? कोर्ट ने इसका जवाब देने के लिए कहा है. कोर्ट ने पूछा है कि अगर दोबारा परीक्षा करवाई जाती है तो कितने अभ्यर्थी बाहर किए जाएंगे और कितनों को स्थान मिलेगा, साथ ही साथ जिन अभ्यर्थियों की जॉइनिंग हो चुकी है उनका क्या किया जाएगा? कोर्ट आयोग से इन सभी सवालों का जवाब नए सिरे से हलफनामे में चाहता है. इस मामले को लेकर हाई कोर्ट 8 जुलाई को सुनवाई करेगा.’
अभ्यर्थी ने आरटीआई से मांगी जानकारी
अभ्यर्थी श्रवण पांडेय का कहना है कि उसके इंग्लिश की आंसर शीट में हैंडराइटिंग बदली हुई मिली है. दूसरी आंसर शीट में फटे हुए पन्ने मिले. यही कारण है कि वह परीक्षा में फेल हो गया है. उसने 2022 में पीसीएस जे मुख्य परीक्षा दी थी, जिसका परिणाम 30 अगस्त 2023 को घोषित कर दिया गया था. रिजल्ट जारी होने के बाद श्रवण पांडे को जो मार्क्स मिले थे उससे वह संतुष्ट नहीं हुआ, जिसके बाद उसने आरटीआई के जरिए आयोग से जानकारी देने के लिए कहा.
हाई कोर्ट ने आंसर शीट देखने के लिए कहा
आयोग की जानकारी जब सामने आई तो हकीकत से पर्दा उठ गया. पांडे के 6 पेपरों में दिए गए अंकों के बारे में जानकारी दी गई. उसे बताया गया कि 200 नंबर के अंग्रेजी पेपर में उसे केवल 47 नंबर (24 फीसदी से भी कम) ही मिले. इसके बाद फिर उसने आरटीआई दाखिल की और सभी 6 पेपरों की आंसर शीट दिखाने के लिए कहा. आंसर शीट सामने आने के बाद पता चला की इंग्लिश के पेपर की हैंडराइटिंग ही मैच नहीं कर रही है, जिसे उसने आंसर शीट पर लिखा था. उसने देखा कि हिंदी की आंसर शीट के तीन से चार पन्ने फटे हुए थे. अब कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि 6 पेपर की आंसर शीट दिखाई जाए.
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