प्रयागराज. POCSO मामले में 9 साल तक जेल में रहने वाले एक युवक को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने बरी कर दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रिश्तेदारों द्वारा कानून का दुरुपयोग करने पर निंदा की. इस दौरान कोर्ट ने आदेश जारी कर युवक को उसके घर का कब्जा दिलाने की बात कही. कोर्ट ने आशंका व्यक्त की है कि शायद रिश्तेदारों ने उसकी संपत्ति हड़प ली होगी, जिन्होंने उसे फंसाया है.
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बता दें कि युवक पर उसके रिश्तेदारों ने चचेरी बहन के साथ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद उसे निचली अदालत ने (पॉक्सो) अधिनियम में दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया था. जिसके बाद युवक ने आदेश को हाइकोर्ट में चैलेंज किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 9 साल बाद उसे बरी करने का आदेश दिया.
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कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, छोटे-मोटे विवादों या उनकी संपत्ति हड़पने के लिए परिवार के सदस्यों पर बच्चों के यौन शोषण सहित गंभीर आरोप लगाना “बहुत आम” हो गया है. अदालतें जमीनी हकीकत से आंखें नहीं मूंद सकतीं, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि आज कल परिवार के सदस्यों द्वारा छोटे-मोटे विवादों में या संपत्ति हड़पने के लिए बच्चों के साथ बलात्कार या यौन शोषण सहित गंभीर और जघन्य अपराध करने का आरोप लगाना बहुत आम हो गया है.