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कहां से आया बजट शब्द, भारत के बजट का क्या है फ्रांस से कनेक्शन? | Union budget 2024 Nirmala Sitharaman indian budget france connection history of briefcase Bahi Khata

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Jul 17, 2024    150858 views     Online Now 275
कहां से आया बजट शब्द, भारत के बजट का क्या है फ्रांस से कनेक्शन?

वित्त मंत्री सीतारमण पहली बार 2019 में बजट को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर लाईं थी.

आम बजट 2024 की अंतिम तैयारियां शुरू हो गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त मंत्रालय में पारंपरिक हलवा सेरेमनी मनाई, जो बजट की तैयारी में आखिरी चरण की शुरूआत का प्रतीक है. इस सेरेमनी के साथ ही बजट के कामकाज से जुड़े अधिकारी सख्त निगरानी में वित्त मंत्रालय के परिसर में रहते हैं, ताकि कोई जानकारी लीक ना हो. वित्त मंत्री सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट पेश करेंगी.

हर साल केंद्र सरकार लोकसभा में बजट पेश करती है. लेकिन संविधान में ‘बजट’ का एक बार भी जिक्र नहीं है. संविधान के अनुच्छेद 112 में इसे ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ नाम दिया गया है. इस विवरण में सरकार पूरे साल का अपना अनुमानित खर्च और होने वाली आय का ब्योरा पेश करती है.

क्या है बजट का फ्रेंच से कनेक्शन?

बजट, अंग्रेजी शब्द Budget से आया है. इस शब्द का मतलब किसी प्रशासन की वित्तीय स्थिति से होता है. लेकिन Budget जिस शब्द से बना है, उसका मतलब कुछ और ही है. दरअसल, Budget बना है फ्रेंच के Bougette शब्द से. वहीं, Bougette बना है Bouge से, जिसका मतलब होता है चमड़े का ब्रीफकेस.

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बजट और ब्रीफकेस का इतिहास

भारतीय बजट का इतिहास 160 साल से भी ज्यादा पुराना है. 1857 की क्रांति के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत का प्रशासन ईस्ट इंडिया कंपनी से अपने हाथों में ले लिया था. उसके बाद 1860 में भारत का पहला बजट पेश हुआ था. ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन को प्रस्तुत किया था.

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संयोग से उस साल ब्रिटेन में बजट को चमड़े के ब्रीफकेस में लाने की परंपरा शुरू हुई थी. 1860 में ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन बजट के कागजों को लेदर बैग में लेकर आए थे. बैग पर ब्रिटिश रानी का मोनोग्राम था. इसे ग्लैडस्टन बॉक्स नाम दिया गया. तभी से ब्रीफकेस में बजट लाने की परंपरा शुरू हो गई.

ब्रीफकेस बना बही-खाता

आजाद भारत का पहला बजट शणमुखम शेट्टी ने एक चमड़े के बैग में पेश किया था. बताया जाता है कि साल 1958 में पहली बार भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट के लिए लाल की जगह काले ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया था. फिर बाद में काले बैग का चुना गया.

प्रणब मुखर्जी लाल ब्रीफकेस के साथ पहुंचे थे. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ब्राउन और रेड ब्रीफकेस लाए थे. कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लाल ब्रीफकेस के साथ बजट पेश किया था.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में इस परंपरा से हटकर काम किया था. वह ब्रीफकेस की जगह बजट को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर लाईं थी. तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यन ने बताया कि यह पश्चिमी मानसिकता की गुलामी से बाहर आने का प्रतीक है. इसे आप बजट नहीं, बल्कि बही-खाता कह सकते हैं.

2021 में वित्त मंत्री सीतारमण ने एक और बड़ा बदलाव किया. उस साल उन्होंने अपने भाषण और अन्य बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए पारंपरिक कागजात को एक डिजिटल टैबलेट से बदल दिया. फरवरी 2024 में अंतरिम बजट पेश करने के लिए उन्होंने इस प्रथा को जारी रखा.

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