
हमास चीफ की मौत के कारण ईरान-इजराइल के बीच तनाव बढ़ गया है.
मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष और ईरान-इजराइल युद्ध की आशंका के चलते फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की ओर से संघर्ष विराम के लिए अपील की गई है. इन NATO देशों के प्रमुखों ने एक साझा बयान जारी कर गाजा में युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई और गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने का समर्थन किया है.
सोमवार को जारी किए गए साझा बयान में इन तीनों देशों ने 10 महीने से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र के प्रयासों का समर्थन किया है. साथ ही हमास, इजराइल और ईरान से तनाव खत्म करने की अपील की गई है.
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन का साझा बयान
इन तीनों देशों की ओर से जारी किए गए साझा बयान में कहा गया है कि, “लड़ाई अब समाप्त होनी चाहिए, हम सहमत हैं कि अब और देरी नहीं की जा सकती. हम तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए सभी पक्षों के साथ काम कर रहे हैं और स्थिरता का रास्ता खोजने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.”
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फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने गाजा में संघर्ष विराम के लिए साझा बयान जारी किया है.
इस बयान में ईरान से भी तनाव बढ़ने से रोकने की अपील की गई है. तीनों NATO देशों ने इस साझा बयान में कहा है कि, “हम खासतौर पर ईरान और उसके सहयोगियों से ऐसे हमलों से बचने की अपील करते हैं जो क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाएंगे. साथ ही युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई पर सहमत होने के मौके को खतरे में डालेंगे.”
ग़ाज़ा में संघर्षविराम का प्रस्ताव
दरअसल गाजा में संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता कर रहे देशों की ओर से एक तीन स्तरीय योजना बनाई गई थी. इसके मुताबिक हमास को इजराइली बंधकों और इजराइल को फिलिस्तीनी कैदियों को रिहाई करना होगा साथ ही इजराइली सेना गाजा से हट जाएगी. हालांकि कई महीनों लंबी चली बातचीत के बावजूद यह डील फाइनल नहीं हो सकी है. वहीं हमास चीफ हानिया की मौत पर ईरान के आक्रामक रुख के बाद बीते गुरुवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से कहा गया था कि वह इस समझौते पर वार्ता करने के लिए अपना प्रतिनिधिमंडल निर्धारित स्थान पर भेजेंगे.
अमेरिका, क़तर और मिस्त्र कर रहे मध्यस्थता
ईरान के साथ इजराइल के बढ़ रहे टकराव को देखते हुए अमेरिका, कतर और मिस्त्र ने बीते हफ्ते हमास और इजराइल से अपील की थी कि अब दोनों पक्षों को गाजा में संघर्षविराम की वार्ता में शामिल होना चाहिए. मध्यस्थता कराने वाले इन देशों की ओर से कहा गया था कि अब इसके लिए देरी करने की कोई वजह नहीं है. वहीं अब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी इसका समर्थन किया है.
उधर CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास चीफ याह्या सिनवार युद्ध विराम का समझौता चाहते हैं और उन्होंने कतर और मिस्र के मध्यस्थों को अपनी ओर से जानकारी दे दी है. हालांकि हमास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह और प्रस्ताव या वार्ता नहीं करना चाहता, बल्कि 31 मई को जो बाइडेन द्वारा प्रस्तावित समझौते पर आगे बढ़ा जाए जिसे UN की सुरक्षा परिषद ने भी अनुमोदित किया था.
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