इन क्षेत्रों के लोग सीधे बन सकेंगे प्रोफेसरImage Credit source: Getty Images
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी (UGC) ने विनियम 2025 ड्राफ्ट जारी किया है, जिसके तहत कई सारे बदलाव किए गए हैं. पहला तो ये कि जो लोग एकेडमिक क्षेत्र से नहीं आते हैं, अब वो भी यूनिवर्सिटी में कुलपति बन सकते हैं यानी यूजीसी ने एकेडमिक क्षेत्र की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है और दूसरा ये है कि अब छात्र यूजीसी नेट की परीक्षा किसी भी विषय से दे सकते हैं. इसके अलावा कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए जरूरी योग्यता में भी बदलाव किया गया है. आइए जानते हैं कि यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन में क्या योग्यताएं तय की हैं और किन-किन क्षेत्रों के लोग अब सीधे प्रोफेसर बन सकेंगे?
खेलों को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने पहली बार शिक्षक भर्ती नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत अब पैराओलंपिक समेत कई अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ी और अवॉर्डी सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं. हालांकि इसके लिए उनके पास ग्रेजुएशन की डिग्री का होना जरूरी है.
इन क्षेत्रों के दिग्गज भी बन सकेंगे प्रोफेसर
यूजीसी ने जो नई गाइडलाइन जारी की है, उसके मुताबिक योग, संगीत, प्रदर्शन कला, दृश्य कला, मूर्तिकला और नाटक जैसे कुल 8 क्षेत्रों के दिग्गजों की असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ-साथ एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद पर सीधे नियुक्ति होगी. इसके लिए उनके पास यूजीसी नेट परीक्षा पास करना या पीएचडी की डिग्री जरूरी नहीं होगी. असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए उम्मीदवार के पास ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ अपने क्षेत्र में 5 साल का अनुभव होना चाहिए और उन्हें स्टेट या नेशनल अवॉर्ड भी मिला होना चाहिए.
वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए उम्मीदवार के पास ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ-साथ अपने क्षेत्र में 10 साल का अनुभव और प्रोफेसर के पद के लिए ग्रेजुएशन के साथ अपने क्षेत्र में कम से कम 15 साल का प्रोफेशनल अनुभव होना चाहिए.
कौन बन सकता है कुलपति?
यूजीसी नियमों के मुताबिक, पहले एकेडमिक क्षेत्र वाले लोग यानी जिनके पास पढ़ाने का अनुभव होता था, वहीं कुलपति बन सकते थे, लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक 70 साल की उम्र तक इंडस्ट्री, लोक प्रशासन, पब्लिक पॉलिसी और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) के दिग्गज भी यूनिवर्सिटीज में कुलपति बन सकते हैं. इसके अलावा किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान में 10 साल के अनुभव वाले, उच्च शिक्षण संस्थान के प्रोफेसर और रिसर्च क्षेत्र में एकेडमिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुभव वाले लोग भी कुलपति बन सकते हैं.
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