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लव इन क्राइसिस! Tinder से Bumble तक, शादी और डेटिंग कंपनियों के शेयर क्यों हो रहे हैं धड़ाम?

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Jun 5, 2025    15086 views     Online Now 271
लव इन क्राइसिस! Tinder से Bumble तक, शादी और डेटिंग कंपनियों के शेयर क्यों हो रहे हैं धड़ाम?

शादी और डेटिंग कंपनियों के शेयर क्यों हो रहे धड़ाम?

प्यार, रिश्ता और कमिटमेंट… ये शब्द सुनने में भले ही रोमांटिक लगते हों, लेकिन जब बात बिज़नेस की आती है, तो इस लव इंडस्ट्री का हाल इन दिनों कुछ खास अच्छा नहीं है. हाल के महीनों में अमेरिका से लेकर भारत तक शादी और डेटिंग सेवाओं से जुड़ी कंपनियों के शेयर बुरी तरह लुढ़क गए हैं.

निवेशकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं और एक्सपर्ट्स इस गिरावट के पीछे गहरी वजहें तलाश रहे हैं. मनी9 के एक शो में बाज़ार विशेषज्ञ ने बताया कि आखिर क्यों इन कंपनियों का ग्राफ तेजी से नीचे आ रहा है. क्या यह केवल आर्थिक दबाव का नतीजा है या फिर रिश्तों को लेकर बदलते सामाजिक नजरिए का असर? चलिए, जानते हैं आखिर अमेरिका से भारत तक लव-स्टॉक्स क्यों हो रहे हैं ब्रेकअप मोड में! आइए जानते हैं….

इन शेयरों में आ रही गिरावट

Bumble Inc. (अमेरिका)

अमेरिका की प्रमुख डेटिंग ऐप कंपनी Bumble का स्टॉक 2025 में अब तक 29% तक गिर चुका है. हाल ही में 6.5% की एक दिन में गिरावट देखने को मिली. Morgan Stanley जैसे बड़े फाइनेंशियल संस्थानों ने इसे डाउनग्रेड कर दिया है, जो इसकी लोकप्रियता में कमी और यूज़र ग्रोथ में ठहराव की ओर इशारा करता है.

जीवनसाथी (भारत)

भारत की प्रमुख मैट्रिमोनियल साइट Jeevansathi.com, जो Naukri.com (Info Edge) समूह का हिस्सा है, उसका स्टॉक 2025 में अब तक 18% गिर चुका है.

Matrimony.com (भारत)

इस क्षेत्र की एक और प्रमुख कंपनी Bharat Matrimony का स्टॉक नवंबर 2024 से अब तक 41% तक टूट चुका है, जो निवेशकों के विश्वास में भारी गिरावट को दर्शाता है.

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क्यों आ रही है गिरावट?

आर्थिक दबाव

महंगाई, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, और रोज़गार की अनिश्चितता के चलते लोग गैर-जरूरी खर्चों में कटौती कर रहे हैं. डेटिंग ऐप्स या मैट्रिमोनियल सेवाएं अब डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग यानी ऐच्छिक खर्च की श्रेणी में आ गई हैं, जिससे सब्सक्रिप्शन और विज्ञापन से होने वाली कमाई पर सीधा असर पड़ा है.

GenZ की बदलती सोच

मनी9 के शो में एक एक्सपर्ट के मुताबिक, Genz जैसी नई पीढ़ी रिश्तों को लेकर ज्यादा प्रैक्टिकल हो गई है. अब शादी या लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट को जरूरी लक्ष्य नहीं माना जाता. डेटिंग का ट्रेंड तो जारी है, लेकिन यूज़र्स ज्यादा कैजुअल इंटरैक्शन या सोशल कनेक्शन की ओर झुक रहे हैं, जो ट्रेडिशनल बिजनेस मॉडल्स को प्रभावित कर रहा है.

अब आगे क्या?

आज के तेजी से बदलते समाज में डेटा एनालिटिक्स, AI बेस्ड मैचमेकिंग, और यूज़र बिहेवियर के मुताबिक कंटेंट देना बेहद जरूरी हो गया है.
कंपनियों को अब यह समझना होगा कि केवल “रिश्ता ढूंढो” जैसे संदेश से आगे बढ़कर उन्हें यूज़र्स की बदलती प्राथमिकताओं के हिसाब से पर्सनलाइज्ड, प्रोग्रेसिव और सुरक्षित अनुभव देना होगा.

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