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ब्रेन कैंसर का 1 घंटे में लगा लेगा ये ब्लड टेस्ट, ऐसे होगी पहचान – Hindi News | This blood test will detect brain cancer in 1 hour, it will be easy to detect

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Aug 31, 2024    150829 views     Online Now 220
ब्रेन कैंसर का 1 घंटे में लगा लेगा ये  ब्लड टेस्ट, ऐसे होगी पहचान

ब्रेन कैंसर का पता 1 घंटे में लगा लेगा ये एक ब्लड टेस्टImage Credit source: krisanapong detraphiphat/Moment Getty Images

कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके नाम से ही सबको खौफ आता है. शरीर के भीतर कैंसर कोशिकाओं के अनियंत्रित तरीके से बढ़ने के कारण होता है. जब किसी हिस्से में कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती है तब कैंसर बनना शुरू हो जाता है. चूंकि ज्यादातर मामलों में कैंसर के लक्षण काफी लेट स्टेज में पता लगते हैं तो पैशेंट की जान बचानी मुश्किल हो जाती है लेकिन आज हर तरह के कैंसर को डिटेक्ट करना बेहद आसान हो गया है. टेस्टों की मदद से उस हिस्से की कोशिकाओं की संरचना का पता चल जाता है जिससे अंदाजा लगाना आसान हो जाता है कि शरीर के इस हिस्से में कैंसर होगा या नहीं.

ब्रेन कैंसर के लिए आया नया ब्लड टेस्ट

ऐसा ही ब्रेन कैंसर के मामले में हुआ है जहां एक टेस्ट की मदद से ब्रेन की कोशिकाओं के विकास को मॉनिटर करना आसान हो जाएगा और ये होगा सिर्फ और सिर्फ एक ब्लड टेस्ट की मदद से. जिसमें एक टेस्ट की बदौलत एक घंटे के भीतर ब्रेन कैंसर को डिटेक्ट किया जा सकेगा. जिससे इसकी रोकथाम और इलाज में बड़ी मदद मिलेगी.

अमेरिका में ब्रेन कैंसर पर रिसर्च

ये टेस्ट अमेरिका के नोट्रे डेम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपनी सालों की मेहनत के बाद खोज निकाला है जिसमें उन्होंने एक ऐसे ब्लड टेस्ट उपकरण को विकसित किया है जिसकी मदद से एक टेस्ट की मदद से ब्रेन कैंसर का पता लगाना आसान हो जाएगा. ये उपकरण ब्रेन कैंसर के सबसे खतरनाक प्रकार ग्लियोब्लास्टोमा का जल्द पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है जिससे हर साल दुनिया में लाखों मौत हो जाती हैं. इस उपकरण की मदद से ब्लड के बेहद ही छोटे से सैंपल से एक घंटे के अंदर इसके लक्षणों की पहचान की जा सकेगी.

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ग्लियोब्लास्टोमा बेहद खतरनाक ब्रेन कैंसर

ग्लियोब्लास्टोमा को ब्रेन कैंसर का सबसे खतरनाक और घातक प्रकार माना जाता है. इस कैंसर का पता लगने के बाद मरीज केवल 12-18 महीने ही जीवित रह पाता है. अभी तक इस कैंसर की पहचान के लिए बायोप्सी की जाती थी जिसमें ट्यूमर से टिश्यू का नमूना लेकर जांच की जाती थी. लेकिन ये ब्लड टेस्ट इस कैंसर की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

बायोचिप की मदद से होगी टेस्टिंग

इस उपकरण में एक छोटी सी बायोचिप की मदद से टेस्टिंग की जाती है. इस चिप में इलेक्ट्रो काइनेटिक सेंसर का उपयोग कर टेस्टिंग होतीहै, सेंसर ये पता लगाता है कि कोशिकाओं में कैंसर से संबंधित बायोमार्कर हैं या नहीं जिन्हें एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर्स के नाम से जाना जाता है. रिसर्चर्स का दावा है कि इस उपकरण की एक्यूरेसी काफी ज्यादा है और आने वाले समय में ये ब्रेन कैंसर डिटेक्ट करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगी. साथ ही जल्दी डिटेक्शन की मदद से मरीज की जान बचाना पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा. साथ ही उन्हें उम्मीद है कि इस उपकरण का उपयोग अन्य कैंसरों, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, डिमेंशिया और एपिलेप्सी का पता लगाने में भी उपयोगी साबित होगा.

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