अयोध्या. रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में प्री मानसून (Pre-Monsoon) की हल्की बारिश से ही अब विकास की पोल खुलने लगी है. राम मंदिर (Ram Mandir) के उद्घाटन से पहले ही बनकर तैयार हुआ रामपथ पहली ही बारिश में कई जगह धंस गया. मंदिर के छत से पानी टपक रहा है. यह आरोप रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Chief priest Acharya Satyendra Das) ने आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण कार्य में लापरवाही (Negligence in the construction work of Ram temple) हुई है.
रामलला (Ramlala) के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) ने कहा कि यह आश्चर्यचकित करने वाली घटना है कि भगवान राम का भव्य मंदिर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा (Praana Pratishtha) के बाद आमजन के लिए खोला गया है. प्री मानसून (Pre-Monsoon) की पहली बारिश में रामलला के मंदिर की छत टपक रही है. तेजी के साथ बारिश के पानी का रिसाव छत से हो रहा है. विश्व प्रसिद्ध मंदिर के निर्माण कार्य में बारिश के पानी का रिसाव होने पर उन्होंने आश्चर्य जताया है.
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि निर्माण कार्य में लापरवाही हुई है. यह गलत है. पहली बारिश में ही गर्भगृह में पानी टपक रहा था, जिसे ठीक किया गया था. अब जहां गर्भगृह के सामने दर्शनस्थल पर जहां पुजारी बैठते हैं और जहां से वीआईपी दर्शन होता है, उस मार्ग पर पानी भर गया था.
सत्येंद्र दास ने 24 जून को कहा है कि रात में बारिश हुई और जब सुबह पुजारी भगवान के पूजन के लिए वहां गए तो वहां पर पानी भरा मिला, जिसे कड़ी मस्क्कत के बाद मंदिर परिसर से निकाला गया है.
टाटा कंसल्टेंसी और एलएनटी कंपनी ने कराया निर्माण
उनका कहना है कि निर्माण कार्य में टाटा कंसल्टेंसी (Tata Consultancy) और एलएनटी कंपनी (LNT Company) ने निर्माण कराया है, जिसमें देश के नामचीन इंजीनियरों ने अपना योगदान दिया है. उन्होंने कहा है कि प्री-मानसून की पहली बारिश ने राम मंदिर निर्माण में लगी हुई कार्यदायी संस्थाओं की बड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया है.
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