देश के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में से एक टाटा ग्रुप ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में चाय, नमक और कॉफी बेचकर करोड़ों कमा डाले हैं. वास्तव में टाटा ग्रुप की कंज्यूमर कंपनी ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए हैं. जिसके प्रॉफिट में पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले में 15 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. वहीं दूसरी ओर रेवेन्यू में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर चाय की बढ़ती कीमतों और नॉन ब्रांडेड कारोबार में कॉफी कीमतों में गिरावट की वजह से कंपनी को लागत से भी जूझना पड़ रहा है. वर्ना प्रॉफिट में और भी इजाफा देखने को मिलता. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टाटा की कंज्यूमर कंपनी की ओर से तिमाही के किस तरह के आंकड़े पेश किए हैं.
ऐसा रहा कंपनी का प्रॉफिट और रेवेन्यू
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 334 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया. यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 290 करोड़ रुपए के नेट प्रॉफिट की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा है. इस बीच, कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 10 फीसदी बढ़कर 4,778.91 करोड़ रुपए हो गया, जो भारतीय कारोबार में 11 फीसदी, इंटरनेशनल कारोबार में 6 फीसदी और नॉन-ब्रांडेड कारोबार में 6 प्रतिशत की अंतर्निहित वृद्धि के कारण संभव हुआ.
टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने इससे पहले पिछले वर्ष इसी अवधि में 4,352 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल रेवेन्यू दर्ज किया था. हालांकि, रेवेन्यू 4,849 करोड़ रुपये के सर्वे अनुमान से कम है. चाय की बढ़ती कीमतों के बीच, कंपनी का शुद्ध लाभ औसत अनुमान से थोड़ा कम है.
30 जून को समाप्त तिमाही में स्टैंडअलोन बेसिस पर नेट प्रॉफिट 714 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 185 करोड़ रुपये से उल्लेखनीय रूप से अधिक है. सहायक कंपनियों से 464 करोड़ रुपये की डिविडेंड इनकम से इसमें वृद्धि हुई. स्टैंडअलोन रेवेन्यू भी साल-दर-साल 10 प्रतिशत बढ़कर 3,529 करोड़ रुपये हो गया.
बढ़ती लागत से जूझ रहा बिजनेस
हालांकि, भारत में चाय की बढ़ती कीमतों और नॉन-ब्रांडेड कारोबार में कॉफी की कीमतों में गिरावट के कारण टाटा कंज्यूमर का EBITDA सालाना आधार पर 8 प्रतिशत घटकर 615 करोड़ रुपये रह गया. टाटा समूह की कंज्यूमर यूनिट ने बताया कि बढ़ती इनपुट कॉस्ट ने टाटा टी और टाटा कॉफी जैसे उसके ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के प्रदर्शन को प्रभावित किया है.
कंपनी ने कहा कि ब्रांडेड कारोबार का ऑपरेशनल परफॉर्मेंस भारत और इंटरनेशनल लेवल स्तर पर चाय और कॉफी की कीमतों में वृद्धि से प्रभावित हुआ, और नॉन-ब्रांडेड कारोबार का मुनाफा कॉफी टर्मिनल की कीमतों में कमी के कारण पिछले वर्ष के उचित मूल्य लाभ के उलट होने से प्रभावित हुआ.
भारतीय कारोबार का मुनाफा सालाना आधार पर 10 प्रतिशत घटकर 291 करोड़ रुपये रह गया, जबकि इंटरनेशनल का मुनाफा इस तिमाही में 11 प्रतिशत घटकर 156 करोड़ रुपये रह गया. देश के सबसे बड़े चाय ब्रांड ने अपनी बाजार हिस्सेदारी 80 बेसिस प्वाइंट तक खो दी. कंपनी ने कहा कि चाय की कीमतें अनुकूल बनी हुई हैं, हालांकि, दृष्टिकोण आशावादी बना हुआ है.
बेवरेज कारोबार में इजाफा
कंपनी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चाय और नमक, दोनों प्रमुख कैटेगरीज में मजबूत ग्रोथ के बल पर, भारतीय कारोबार ने दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की. कंपनी के टाटा कंज्यूमर के लोकप्रिय ब्रांड, टाटा संपन्न ने अपनी मजबूत गति जारी रखी, लेकिन रेडी टू ड्रिंक कारोबार की वॉल्यूम ग्रोथ बेमौसम बारिश से प्रभावित हुई. कंपनी ने आगे कहा कि इसके इंटरनेशनल बिजनेस में सीसी के टर्म में 5 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ देखी गई. तिमाही के दौरान, कंपनी ने अपने भारत के पैकेज्ड बेवरेज कारोबार के लिए 12 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की. इसके कॉफी सेगमेंट में 67 फीसदी की मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ देखी गई. कंपनी ने आगे कहा कि इसका आरटीडी (रेडी टू ड्रिंक) कारोबार बेमौसम बारिश से प्रभावित हुआ और इसमें 3 प्रतिशत की मामूली मात्रा वृद्धि दर्ज की गई.
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